सहरसा: बिहार के सहरसा के महिषी प्रखंड में एक ऐसा ग्रामीण इलाका जहां से आज भी विकास से कोसों दूर है. इस इलाके के सांसद और विधायक ने आज तक गांव के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया. जिले के सिमरीबख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माहिषी प्रखंड के घोंघेपुर पंचायत अंतर्गत शंकरथुआ गांव में बिजली छोड़कर कर कोई सरकारी व्यवस्था आज तक नहीं पहुंची है.


ग्रामीणों ने कही यह बात


ऐसे में मूलभूत सुविधा नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने इसबार वोट बहिष्कार का मन बना लिया है. इस संबंध में ग्रामीण कमलू यादव ने बताया कि वोट लेने के लिए यहां विधायक चौधरी सलाउद्दीन आये, सांसद महबूब अली कैसर, विधायक दिनेश चंद्र यादव, विधायक अरुण यादव , विधायक अब्दुल गफ्फूर, विधायक जफर आलम आए. लेकिन सभी लोग आए और चले गए, किसी ने यहां का विकास नहीं किया, सबको सिर्फ वोट चाहिए. ग्रामीण ने कहा यहां तो सब अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए चुनाव लड़ते हैं. वहीं ग्रामीण महिला ने कहा गांव में सड़क नहीं होने की वजह से लड़कियों के शादी में भी परेशानी होती है.


पिछले बार भी वोट बहिष्कार का लिया था फैसला


अब सवाल उठता है कि सरकार बदल रही है, लेकिन अब तक कोई ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं आया जो शंकरथुआ की तस्वीर बदल सके? बता दें कि विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले तत्कालीन विधायक चौधरी सलाउद्दीन का इंतकाल हो गया, पूर्व मंत्री अब्दुल गफ्फूर भी गुजर गए, शेष जो बचे हैं, वह अपने जुगाड़ में लगे हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का मन बना लिया है. पिछले बार भी उन्होंने यह फैसला लिया था, लेकिन बीडीओ के मनाने के बाद मतदान किया था.