Bihar Fraud News: बिहार में 300 लोगों से 8 करोड़ रुपये की ठगी, एक परिवार ने पूरे गांव को कैसे ठगा? मचा हड़कंप
Bihar Rohtas Fraud: काराकाट थाना क्षेत्र के मोथा गांव का यह पूरा मामला है. एक परिवार के कई सदस्यों ने मिलकर धोखाधड़ी की है. 12 बैंकों के मैनेजर पर भी आरोप लगा है.
Rohtas 8 Crore Fraud: बिहार के रोहतास में करीब 300 लोगों से आठ करोड़ रुपये की ठगी हुई है. ये सभी पीड़ित लोग रोहतास के मोथा गांव के रहने वाले हैं. जिनके साथ ठगी हुई है उसमें ज्यादातर महिलाएं और गरीब मजदूर लोग है. उनके नाम पर लोन उठाकर ठगी की गई है. पूरे गांव को ठगने वालों में एक ही परिवार के सदस्य हैं. बीते सोमवार (16 सितंबर) को ठगी के शिकार हुए लोगों ने काराकाट थाने में शिकायत दर्ज कराई. मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.
कैसे हुआ इस पूरे कांड का खुलासा?
मोथा गांव के रहने वाले शिव कुमार साह और उसके परिवार के लोगों ने मिलकर इस पूरे कांड को अंजाम दिया है. पिछले करीब 10 वर्षों से गांव के ही लोगों के नाम पर लोन निकाला जाता था. कुछ पैसा जमा भी कर दिया जाता था. कई साल तक ऐसे ही चलता रहा. मामला तब सामने आया जब सैकड़ों पीड़ितों के घर अलग-अलग बैंकों से लोन के पैसों को लेकर नोटिस पहुंचा. गांव में जब इसका खुलासा हुआ तो आरोपित सहित उसका पूरा परिवार गांव से फरार हो गया.
गांव के लोगों से कैसे की जाती थी ठगी?
शिव कुमार साह गांव में ही किराना दुकान चलाता था. इसके बाद समूह भी चलाने लगा. इसमें गांव के लोगों को जोड़ा जाने लगा. धीरे-धीरे समूह बड़ा बन गया. फिर लोगों को इससे जरूरत के अनुसार पैसा दिया जाने लगा. शिव कुमार साह की बूह नीलम देवी बिक्रमगंज में एक फाइनेंस कंपनी में कर्मचारी थी. बाद में गांव में ही इन लोगों ने एक सीएसपी की शुरुआत कर दी वहां नीलम का पति राजू साह बैठने लगा. यहां से लोगों को आधार कार्ड, पैन कार्ड और अंगूठा लगवाकर लोन दिलाया जाने लगा. शिव कुमार साह की पत्नी गांव के लोगों को झांसे में लेने लगी. इस पूरे मामले में शिवकुमार साह उनकी पत्नी रमावती देवी, पुत्र राजू साह, बहू नीलम देवी, पोता, चाचा-चाची समेत 12 बैंकों के मैनेजर पर आरोप लगाया गया है.
एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग लोन
मोथा गांव निवासी पन्ना देवी ने बताया कि उनके नाम पर पांच अलग-अलग बैंकों से लोन निकाला गया है. किसी बैंक से 55 हजार तो किसी से 70 हजार लिया गया है. उन्होंने कहा कि जब भी लोन निकालना होता था तो ठग का परिवार बैंक के मैनेजर के साथ दरवाजे पर आते थे. मशीन पर अंगूठा लगवाने के बाद चले जाते थे. लोन पास होने के बाद हमें एक-दो हजार रुपया दे दिया जाता था. माधुरी देवी ने कहा कि धोखाधड़ी और फ्रॉड की असली मास्टरमाइंड रमावती देवी है. वह बहुत पहले से ही गांव में एक महिला समूह चलाती थी.
काराकाट थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में सभी बैंकों के मैनेजर की संलिप्तता स्पष्ट दिख रही है. मामले की जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को दी गई है. आरोपित पुलिस के सामने जल्द पेश नहीं हुए तो कुर्की-जब्ती होगी.
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