Bihar News: कैमूर के इस जलकुंड में फंसे कई सैलानी, बहा ले गया था बाढ़ का पानी
kaimur Jalkund: पहाड़ी से पानी गिरने के कारण मां तुतला भवानी धाम के वाटरफॉल में बाढ़ आ गई थी, जिससे वाटरफॉल में लुत्फ उठा रहे आधा दर्जन से अधिक सैलानी पानी के तेज बहाव में फंस गए.
Tourists Stucked In kaimur Jalkund: रोहतास जिला के तिलौथू प्रखंड के कैमूर पहाड़ी स्थित मां तुतला भवानी धाम में आई अचानक बाढ़ के कारण आधा दर्जन से अधिक सैलानी जलकुंड के इर्द-गिर्द बाढ़ के पानी में फंस गए. इसका बाद वहां काफी चीख पुकार मच गई, सैलानियों की जान पर बन आई. हालांकि काफी देर बाद रेसक्यू कर इन्हें बाहर निकाल लिया गया. रेस्क्यू करने के बाद इस आपदा में फंसे सैलानियों ने वन परिसर पदाधिकारी समेत सभी वनकर्मियों एवं मां तुतला भवानी धाम में तैनात सुरक्षाकर्मियों की प्रशंसा की.
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर शाम मां तुतला भवानी धाम में गिर रहे वाटरफॉल का लुत्फ उठाने के लिए हजारों की संख्या में सैलानी पहुंचे हुए थे. उसी क्रम में कुछ सैलानी जलकुंड से बहती नदी की धारा में स्नान कर रहे थे, लेकिन अचानक पहाड़ी पानी गिरने के कारण मां तुतला भवानी धाम के वाटरफॉल में बाढ़ आ गई. वाटरफॉल के बहाव ने इतना रौद्र रूप ले लिया कि देखते ही देखते चंद मिनट में नजारा बदल गया. पत्थर पर लुत्फ उठा रहे हैं आधा दर्जन से अधिक सैलानी पानी के तेज बहाव में फस गए.
क्या बोले वहां मौजूद सैलानी?
वहीं सूचना के बाद वन विभाग के पदाधिकारी अमित कुमार के नेतृत्व में गठित रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी सैलानियों का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. सैलानियों का कहना था कि अगर वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद नहीं होती, तो आज हम लोग अपना जान गंवा बैठे होते. वहीं वन विभाग के पदाधिकारी अमित कुमार ने आम लोगों से कहा है कि मां तुतला भवानी धाम में इस बार वन विभाग की टीम पूरी तरह से मुस्तैद है और सैलानियों की सुरक्षा में हमेशा वनकर्मी एवं सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिये गये हैं, ताकि इस बरसात में किसी तरह की कोई जलकुंड के समीप या नदी में अप्रिय घटना ना घटे.
उन्होंने कहा है कि आमजन भी हमारे इस मिशन में सहयोग करें ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना मां तुतला भवानी धाम में ना घटे. आमजन वन विभाग का सहयोग करें. पूर्व में भी यह निर्देश दिया गया है कि जलकुंड के गहरे पानी में लोग नहाने के लिए ना जाएं. इसके लिए वहां पर रस्सी से बैरिकेडिंग भी की गई है. डी एरिया को भी चिन्ह लगाया गया है, लेकिन सैकड़ों सैलानी अभी भी वन विभाग के नियमों को ताख पर रखकर जलकुंड के गहरे पानी में चले जाते हैं और नदी के बीच धार में जाकर स्नान करते हैं.
अधिकारियों का सैलानियों से आग्रह
वहां तैनात सुरक्षाकर्मी एवं वन कर्मियों के जरिए आग्रह भी इनसे किया जाता है कि वैसे खतरा के निशान से बाहर आने के लिए, लेकिन कई सैलानी सुरक्षा कर्मियों की भी बात नहीं मानते हैं. इसमें अचानक आई बाढ़ में वनकर्मी एवं सुरक्षाकर्मियों को खतरा मोल लेना पड़ता है और ऐसे फंसे सैलानियों का रेस्क्यू करना पड़ता है. वन विभाग ने मां तुतला भवानी धाम में पहुंचने वाले सभी सैलानियों से आग्रह किया है कि आप सब हमारे इस मिशन में सहयोग करें ताकि अप्रिय घटना ना हो. वन विभाग की टीम हमेशा मां तुतला भवानी में अलर्ट मोड में तैनात है. सैलानियों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह का कदम उठाया जा सकता.
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