पटना: बिहार में बीपीएससी की ओर से 2 लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली की जा चुकी है. अब करीब पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के माध्यम से राज्यकर्मी का दर्जा देने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए एक फरवरी से आवेदन शुरू हो गया, लेकिन नियोजित शिक्षक और संघ इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. 13 फरवरी को विधानसभा घेराव का भी एलान किया गया है. इसको देखते हुए अब केके पाठक (KK Pathak) एक्शन में आ गए हैं.
शिक्षा विभाग की ओर से सक्षमता परीक्षा का विरोध करने वाले नियोजित शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी गई है. बीते सोमवार (5 फरवरी) को माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद ने पत्र जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि आंदोलन करने वाले नियोजित शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
जारी किए गए पत्र में क्या लिखा गया है?
पत्र में लिखा गया है, "विभिन्न सूचना के माध्यम से जानकारी मिली है कि नियोजित शिक्षकों द्वारा सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार किए जाने और 13 फरवरी को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करने का एलान किया गया है. 13 फरवरी को बिहार के सभी विद्यालय खुले रहेंगे. ऐसे में विद्यालय को छोड़कर धरना प्रदर्शन में शामिल होने से बच्चों के शिक्षण कार्य में बाधा पहुंचेगी. यदि आपके जिले के नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उस पर आईपीसी की धारा 141 के तहत "Unlawful Assembly" मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाए. आईपीसी की धारा 186 और 187 एवं सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की कृपा की जाए."
निदेशक कन्हैया प्रसाद ने अंत में लिखा है कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी से अनुरोध है कि वैसे धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय नियमावली के विहित प्रावधान के आलोक में कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई भी प्रारंभ की जाए.
राज्य में लगभग पौने चार लाख नियोजित शिक्षक हैं. 26 फरवरी को पहली बार सक्षमता परीक्षा होगी. उसका परिणाम घोषित करने के बाद 3 चरणों में लगातार परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से ली जाएगी. जो नियोजित शिक्षक इन चारों चरण में होने वाली परीक्षाओं में से 3 चरणों की परीक्षा में नहीं बैठते हैं या फिर 3 से कम चरणों में बैठते हैं या 3 चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद पास नहीं होते हैं तो उन सभी स्थानीय निकाय शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी. इसी को लेकर नियोजित शिक्षक और संघ विरोध कर रहे हैं.
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