सिवान: पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के निधन के बाद आरजेडी से इस्तीफा देने वाले सलीम परवेज बुधवार को प्रतापपुर पहुंचे. प्रतापपुर में उन्होंने शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब से मुलाकात की और सांत्वना दी. दिवंगत नेता के 40वीं के अवसर पर उनके गांव पहुंचे बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने कहा कि मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन एक अपूर्णीय क्षति है, जिसे काफी दिनों तक पूरा नहीं किया जा सकता.
आरजेडी ने उनका सम्मान नहीं किया
उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन हुआ, तभी तेजस्वी यादव वहां से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर थे. लेकिन वे मिट्टी देने के लिए नहीं पहुंचे. तो जब वो वहां नहीं पहुंचे तो सिवान क्या पहुंचेंगे. ये राज्य के लोगों को समझना चाहिए. लेकिन आरजेडी ने जो शहाबुद्दीन के साथ किया वो बिल्कुल गलत है. साल 1995 और 2001 में शहाबुद्दीन ने अपने दम पर आरजेडी की सरकार बनवा दी थी. लेकिन उनके निधन के बाद उनका सम्मान नहीं किया गया. इससे ज्यादा कोई नेता और क्या कोई कर सकता है.
आरजेडी से इस्तीफा देने के संबंध में उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके दिल पर चोट लगी और उन्होंने क्विक डिसीजन लेते हुए आरजेडी से इस्तीफा दे दिया. शहाबुद्दीन नेशनल नेता थे, उनके साथ गलत हुआ. उनके परिवार और अकलियत के लोगों को ये समझना चाहिए. उनका सिर्फ वोट बैंक के लिए यूज हुआ. शाहबुद्दीन को पहली ठोकर 2001 में लगी, तब ही उनके परिवार को समझ जाना चाहिए था.
पार्टी से दे दिया था इस्तीफा
मालूम हो कि पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति-सह-आरजेडी के प्रदेश उपाध्यक्ष सलीम परवेज ने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह कदम दिवंगत नेता के असामयिक निधन के बाद उत्पन्न स्थिति के बाद उठाया है. उन्होंने करीमचक स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि शहाबुद्दीन राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापकों में से एक थे. उन्होंने न केवल पार्टी के गठन में भूमिका निभाई बल्कि लालू और राबड़ी के नेतृत्व में बिहार में स्थापित होने वाली सरकारों के गठन में भी विपरीत परिस्थितियों में सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
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