कैमूरः जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय की राशि में घोटाला का मामला सामने आया है. शौचालय बनवाने के बाद कुछ ग्रामीण डेढ़ साल से अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो अंत में लोगों ने मीडिया से गुहार लगाई. मामला सामने आने के बाद डीडीसी ने 15 दिन में लाभुक को पैसा देने का दावा किया है और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.
जानकारी के अनुसार, कैमूर के मोहनिया प्रखंड की बेलौड़ी पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों ने अपने घरों में शौचालय का निर्माण कराया कि सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि देगी, लेकिन यहां उनके साथ फर्जीवाड़ा हो गया. बिचौलिए ने कुछ लोगों के साथ मिलकर लाभुक की जगह किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में पैसा ट्रांसफर कर बंदरबांट कर लिया. ग्रामीण शौचालय की राशि के लिए चक्कर लगाते-लगाते थक गए और फिर ब्लॉक में भुगतान की स्थिति की कंप्यूटर पर जाकर देखी तो पता चला कि किसी और के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है.
ग्रामीणों ने पिछले साल ही की थी शिकायत
इसके बाद ग्रामीणों ने ऐसे आठ लोगों की सूची निकाली जिनके शौचालय की प्रोत्साहन राशि का भुगतान कागजों में खाते में तो कर दिया गया है लेकिन हकीकत में लाभुक को मिला ही नहीं है. जब यह मामला आगे बढ़ने लगा तो ब्लॉक के अधिकारियों ने सूची दिखाने से ग्रामीणों को इनकार कर दिया. फिर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत पिछले साल 20 दिसंबर को अनुमंडल पदाधिकारी मोहनिया से की. वहां से मामला डीडीसी के संज्ञान में गया.
इस मामले में डीडीसी कुमार गौरव ने बताया कि बेलौड़ी पंचायत के आठ लोगों के शौचालय की राशि दूसरे के खाते में ट्रांसफर होने की जानकारी मिली है. 15 दिनों के अंदर सही व्यक्ति के खाते में पैसा ट्रांसफर करा दिया जाएगा. जो भी दोषी होगा उनपर कार्रवाई भी की जाएगी.
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