Search Operation Against Naxalites: नवादा के रजौली थाना क्षेत्र के सवैयाटाड़ पंचायत के घने जंगलों में एसटीएफ और जिला पुलिस बल के जवानों ने मिलकर नक्सलियों की टोह में सर्च ऑपरेशन चलाया. ये कार्रवाई रजौली एसडीपीओ गुलशन कुमार के नेतृत्व में हुई. सर्च ऑपरेशन के दौरान एसटीएफ के जवानों ने घने जंगल में नक्सलियों के सभी संभावित ठिकानों का पत्ता-पत्ता छान दिया. लेकिन कहीं भी कोई सुराग नहीं मिली है. जंगली क्षेत्र से सटे ग्रामीण से भी अधिकारियों ने बात की और उन्हें बेफिक्र होकर रहने का आश्वासन दिया.


आस-पास के लोगों से भी की गई पूछताछ


नक्सली से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए अधिकारियों ने आस-पास के लोगों से भी पूछताछ की है. इस संबंध में एसडीपीओ गुलशन कुमार ने बताया कि सूचना प्राप्त हो रही थी की सवैयाटांड़ पंचायत के जंगलों में इन दिनों नक्सली का एक दस्ता भ्रमणशील है, इसी सूचना के आलोक में एसटीएफ और जिला पुलिस बल के जवानों के साथ सर्च ऑपरेशन किया गया है. जिस जगह पर नक्सली का भ्रमणशील होने की बात कही जा रही थी, उस जगह सहित और वैसे सभी संभावित नक्सल ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन किया गया है, लेकिन कहीं पर भी कोई ठोस सबूत या फिर ऐसा कोई प्रमाण नहीं दिखा, जिससे यह साबित हो सके कि नक्सली घूम रहे हैं. 

बताते चलें कि पिछले दो वर्षों से रजौली और सिरदला के नक्सल प्रभावित इलाके में नक्सलियों की गतिविधि बिल्कुल नहीं थी, लेकिन इधर पिछले दो महीना से नक्सल प्रभावित इलाके में नक्सलियों की लगातार गतिविधि देखी जा रही है. जिसकी सूचना स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी तक को समय-समय पर मिलती रहती है. पिछले तीन-चार वर्षो में रजौली और सिरदला थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षा बल के जवानों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान कई बार नक्सलियों को मार गिराया है. इसको लेकर यह इलाका नक्सलियों के लिए सेफ जोन नहीं रहा है, इसके कारण नक्सली अब यहां टिक नहीं पाते हैं.


नक्सली संगठनों के नाम पर वसूली जाती है रकम


हाल के दिनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बिल्कुल ही सर्च ऑपरेशन रुक सा गया था. इस वजह से नक्सली फिर से इस इलाके में अपना उपस्थिति दर्ज करने में कहीं ना कहीं सफल हो रहे हैं. हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि नक्सलियों के नाम पर असामाजिक तत्व के लोग भी नक्सल प्रभावित इलाके में अपनी रोटी सेक रहे हैं. बताते चलें कि रजौली और सिरदला के नक्सल प्रभावित इलाके में ऐसे दर्जनों लोग हैं, जो नक्सली संगठन के स्लीपर सेल के सदस्य के रूप में आज भी काम कर रहे हैं. क्योंकि आज भी इन क्षेत्रों से नक्सलियों को लेवी के रूप में मोटी रकम जाती है.


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