बिहार: जमीनी विवाद में हत्या के सात आरोपियों को उम्र कैद की सजा, कोर्ट ने 10 साल बाद सुनाया फैसला
भभुआ सिविल कोर्ट ने कुल सात लोगों को दोषी पाते हुए धारा-302 और 34 के तहत आजीवन कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के भभुआ सिविल कोर्ट ने जमीनी विवाद में हुई हत्या मामले की सुनवाई करते हुए सात अभियुक्तों के उम्र कैद की सजा सुनाई है. दस साल बाद मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी को उम्र कैद के साथ ही बीस-बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. सात अभियुक्तों में छह रामगढ़ थाना क्षेत्र के देवहलीया गांव के रहने वाले हैं, जबकि एक मोहनिया थाना क्षेत्र के आवारी गांव का रहने वाला है.
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के देवहलीया में 25 नवंबर, 2011 को राज किशोर सिंह नामक व्यक्ति अपने चेंबर में सोया हुआ था और उसका भाई खेत में पटवन कर रहा था, तभी चिल्लाने की आवाज आई, जिसे सुनकर सभी चेंबर की ओर दौड़े. वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि कुछ लोग राज किशोर सिंह की हत्या कर भाग रहे हैं.
जुर्माना नहीं देने पर भुगतनी पड़ेगी अतिरिक्त सजा
ऐसे में स्थानीय लोगों ने भाग रहे अपराधियों में से दो अभियुक्त उमेश राम और रविकांत राम को पकड़ लिया था. वहीं, उन दोनों सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ रामगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में भभुआ सिविल कोर्ट ने कुल सात लोगों को दोषी पाते हुए धारा-302 और 34 के तहत आजीवन कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
सजा पाने वालों में रामगढ़ थाना क्षेत्र के देवहलीया गांव का रहने वाला बेचू राम का बेटा भोरिक राम, नगीना राम का बेटा जयप्रकाश राम, काशीराम का बेटा राम आशीष राम, दशमी राम का बेटा जितेंद्र राम और मुन्ना राम, बालकेश्वर राम का बेटा रविकांत राम शामिल है. वहीं, एक अभियुक्त मोहनिया थाना क्षेत्र के अवारी गांव के मुद्रिका राम का बेटा उमेश राम है. यह सजा एफटीसी प्रथम ओमप्रकाश सिंह की अदालत ने सुनाई है.
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