पटना: बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को दिल्ली हाईकोर्ट ने पैरोल की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने शहाबुद्दीन को 6 घंटे की सशर्त कस्टडी पैरोल की अनुमति दी है. फिलहाल सीवान में दो भाइयों को तेजाब से नहला कर निर्मम हत्‍या के मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन पर हत्‍या व अपहरण सहित दर्जनों संगीन मामलों में मुकदमा दर्ज है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शहाबुद्दीन को साल 2018 में बिहार की सीवान जेल से दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में स्‍थानांतरित किया गया था. अब तिहाड़ जेल में बंद आरजेडी के बाहुबली नेता रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली है राहत. दिल्ली हाई कोर्ट ने शहाबुद्दीन को छह घंटे की सशर्त ‘कस्टडी पैरोल’की अनुमति दे दी है. बताते चलें कि बिहार के इस बाहुबली के पिता की 19 सितंबर को मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही पैरोल को लेकर प्रयास किया जा रहा था. इस बीच पिता की मौत के बाद मां के बीमार होने के आधार पर शहाबुद्​दीन ने कस्टडी पैरोल की मांग की थी. कोर्ट ते मुताबिक शहाबुद्​दीन 30 दिनों के भीतर अपनी इच्छानुसार कोई भी तीन तारीख चुन सकेंगें. नियमों के अनुसार शहाबुद्दीन को सुबह छह बजे से शाम चार बजे के बीच छह घंटे के लिए मुलाकात करने की अनुमति होगी. इन छह घंटों में यात्रा समय भी शामिल होगा.
न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को किसी भी तीन दिन में छह-छह घंटे की कस्टडी पैरोल की अनुमति देते हुए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिए है. साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि कस्टडी पैरोल के लिए शहाबुद्दीन को मुलाकात के लिए दिल्ली में ही एक स्थान की जानकारी पहले ही जेल अधीक्षक को देनी होगा। साथ हीं उक्त स्थान का सत्यापन करने के साथ ही राज्य पुलिस वहां पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करेगी.याचिककर्ता इस दौरान अपनी मां, पत्नी और अन्य रिश्तेदारों के अलावा किसी से भी मुलाकात नहीं कर सकेगें. बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन पर हत्‍या, अपहरण सहित दर्जनों संगीन मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. फिलहाल वो सीवान में दो भाइयों को तेजाब से नहला कर निर्मम हत्‍या के मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है. सीवान के इस बाहुबली ने अपने घर जाने की मांग की थी लेकिन कोरोना और ट्रेनों का परिचालन बंद होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका है.