पटना: बिहार के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के करीब 50 हजार पद रिक्त हैं. इन रिक्त पदों पर बहाली के लिए नोटिफिकेशन जारी करने को लेकर सीटेट/बीटेट पास अभ्यर्थियों ने आंदोलन तेज कर दिया है. छठे चरण की समाप्ति के बाद भी 50 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति संभव नहीं हो पाई है.


बीएड उत्तीर्ण शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बताया कि बीएड के साथ-साथ सीटेट/बीटेट पास अभ्यर्थी पिछले तीन सालों से अपनी नियुक्ति को लेकर आशान्वित थे. शिक्षा मंत्री ने भी सातवें चरण की शिक्षक बहाली अप्रैल माह में ही शुरू करने की बात कही थी, लेकिन छठे चरण की समाप्ति के बाद शेष बचे रिक्त पदों पर बहाली करने को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर नहीं है. इसके कारण अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट रहा है. वें अब जोरदार आंदोलन के मूड में हैं.


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अभ्यर्थियों की आवाज को अनसुना कर रही सरकार


महिला प्रदेश अध्यक्ष बेबी कुमारी ने बताया कि सातवें चरण की विज्ञप्ति के लिए पिछले तीन महीनों से अभ्यर्थी सड़क पर हैं, लेकिन सरकार शिक्षक अभ्यर्थियों की आवाज को अनसुना कर रही है. ऐसे में हमारे पास अनशन ही मात्र एक रास्ता है. हम लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.


इन मांगों को लेकर होगा अनशन


सातवें चरण के तहत मार्च 2022 तक की रिक्ति पद जोड़ कर इसी माह नोटिफिकेशन जारी करने, शिक्षक भर्ती की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करने और अन्य मांगों को लेकर अभ्यर्थी शनिवार से गर्दनीबाग धरनास्थल पर अनिश्चतकालीन अनशन करेंगे. दीपांकर ने बताया कि पूरे बिहार के 20 हजार से अधिक अभ्यर्थी एक स्वर में सातवें चरण की प्राथमिक विज्ञप्ति जारी करने के लिए हुंकार भरेंगे.


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