(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Liquor Ban: शिवानंद तिवारी की BJP को 'सलाह', कहा- शराबबंदी कानून हटाना है तो ये काम करें पार्टी नेता और मंत्री
शिवानंद तिवारी ने कहा, " आखिर कितने लोगों के मरने का नीतीश कुमार इंतजार करेंगे. शराबबंदी से राज्य के राजस्व को नुकसान हो रहा है. यह बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया निर्णय था."
पटना: आरजेडी (RJD) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने कहा कि बिहार में लागू शराबबंदी कानून जमीन पर सफल नहीं है. होली से लेकर अब तक 40 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से मर गए. परिजनों का कहना है कि जहरीली शराब से मौतें हुई हैं. पुलिस कहती है कि बीमारी से मौतें हुई हैं. लेकिन जो लोग मरे हैं, उनके साथ उस समय परिवार के सदस्य थे. पुलिस नहीं थी. इसलिए परिजनों के बयानों को ही सच माना जाएगा.
बिना किसी प्लानिंग के लागू की शराबबंदी
शिवानंद ने कहा, " पुलिस नीतीश सरकार की पोल नहीं खोलना चाहती. सरकार जो कहेगी उसको वही बोलना पड़ेगा, इसलिए पुलिस कह रही कि बीमारी से लोगों की मौत हुई है. पर सवाल है कि आखिर कितने लोगों के मरने का नीतीश कुमार इंतजार करेंगे. शराबबंदी से राज्य के राजस्व को नुकसान हो रहा है. यह बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया निर्णय था. बिना किसी प्लानिंग के लागू कर दिया गया. आए दिन शराब मिलने की खबरें आती हैं. पहले भी जहरीली शराब से कई लोग मर चुके हैं. नीतीश सरकार बार-बार शराबबंदी कानून में संशोधन करती है. साफ दिख रहा है कि नीतीश की यह योजना जमीन पर फेल है."
आरजेडी नेता ने कहा कि बीजेपी के नेता शराबबंदी पर सवाल उठाते हैं. बीजेपी सच में शराबबंदी को हटाना चाहती है, तो कैबिनेट में प्रस्ताव लाए और इस कानून को हटाए. एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है. उसके सबसे ज्यादा विधायक सरकार में हैं, ज्यादा मंत्री हैं.
होली से बाद 40 से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें होली से लेकर अब तक बिहार में संदिग्ध परिस्थितियों में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भागलपुर, मधेपुरा, बांका, सीवान समेत अन्य जिलों में मौतें हुई हैं. मृतकों के परिजनों का कहना है कि जहरीली शराब से मौतें हुई हैं जबकि पुलिस कह रही है बीमारी से लोग मर रहे हैं.
इन घटनाओं के बाद से नीतीश के शराबबंदी के फैसले पर फिर से सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष लगातार उन पर हमलावर है. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए हेलीकॉप्टर, ड्रोन से निगरानी की जा रही है. नीतीश खुद समाज सुधार यात्रा पर निकले हुए हैं लेकिन इसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है.
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