'वो अलग ही मंजर था...', मुंबई में 57 लोगों की जान बचाने वाले सीवान के लाल ने बताई आखों देखी, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित
Captain Anmol Srivastava: जिले के लाल कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव ने जो काम किया है. इनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए बहुत कम है. उनके बुलंद हौसले को देखते हुए अब भारत सरकार इन्हें सम्मानित करेगी.
Captain Anmol Srivastava Of Sivan: सीवान के लाल कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव (Anmol Srivastava) ने बड़ा काम किया है. दरअसल मुंबई में 18 दिसंबर को गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा दीप पर जा रही करीब 101 यात्रियों से भरी स्टीमर एक नौसेना की स्पीड बोट शिप से टकरा गई थी, जहां सबसे पहले 3 मिनट के अंदर ही कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव ने अपनी जान को जोखिम में डालकर पहुंचे और मौके पर से 57 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया. इसके बाद कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव की देश और दुनिया में खूब चर्चा हो रही है.
57 लोगों को अपनी 12 सीट वाली बोट से बचाया
मुंबई में एलिफेंटा दीप पर स्टीमर के नौसेना की स्पीड बोट से टकराने की सूचना रेडियो के माध्यम से सीवान जिले के बगौरा के रहने वाले राधा रमन के पुत्र कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव को मिली. उन्होंने बिना देरी किए महज 3 मिनट के भीतर ही काफी तेज गति से बोट को चलाते हुए घटनास्थल पर पहुंच गए. उसके बाद वहां पर एक बच्चे सहित कुल 57 लोगों को अपनी 12 सीट वाली बोट पर बैठाकर सुरक्षित निकाल लिया. हालांकि इस घटना में एक 7 साल के बच्चे की हालत काफी नाजुक हो गई. जिसे एंबुलेंस में रखने के बाद भी स्वयं कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव सीपीआर करते रहे, लेकिन अंत में बच्चे ने दम तोड़ दिया.
जवाहर नेहरू पोर्ट अथॉरिटी के कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव ने एबीपी न्यूज़ से फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि "मैं उस वक्त घटनास्थल से चार से पांच किलोमीटर की दूरी पर था. रेडियो के माध्यम से मुझे यह सूचना मिली कि 57 लोगों की जान खतरे में है. मैंने बिना कुछ सोचे समझे महज 3 से 4 मिनट में घटनास्थल पर काफी तीव्र गति से बोट को लेकर पहुंचा और मेरी बोट 12 सीट की ही थी, लेकिन उस पर मैंने एक बच्चे समेत 57 लोगों को किसी तरह सुरक्षित बैठाया और बाहर लाकर उन्हें अस्पताल उपचार के लिए पहुंचाया."
उन्होंने यह भी बताया कि एक बच्चे की हालत काफी नाजुक हो चुकी थी, जिस एंबुलेंस में रखने के बावजूद भी मैं सीपीआर करता रहा, लेकिन अफसोस कि वह बच्चा नहीं बच सका, जिसका मुझे काफी मलाल है. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि मेरी बोट पहुंचने के चार-पांच मिनट के अंदर ही नेवी, सीआईएफ जवान सहित पूर्वा बोट की पूरी टीम भी पहुंच गई और वहां पर रेस्क्यू शुरू कर दी गई. जिससे एक बड़ी घटना होते-होते टल गई. आगे उन्होंने बताया कि मैं जब पहुंचा तो दृश्य को देखकर काफी हैरान रह गया. चारों तरफ से सिर्फ चीखने और चिल्लाने की आवाज आ रही थी. बचाओ.. बचाओ.. लोग चिल्ला रहे थे, मैंने हिम्मत बांधकर लोगों की जान बचाने का काम किया.
26 जनवरी को राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित
जिस तरीके से जिले के लाल कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव ने काम किया है इनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए बहुत ही कम है. उनके बुलंद हौसले को देखते हुए अब भारत सरकार ने भी इन्हें सम्मानित करने का फैसला लिया है. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के जरिए कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव को सम्मानित किया जाएगा. जिससे जिले ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन होगा.
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