Lok Sabha Elections 2024: बिहार में छठे चरण शनिवार (25 मई) को सीवान लोकसभा सीट पर भी मतदान हो रहा है, जहां अपने गांव प्रतापपुर में निर्दलीय उम्मीदवार हिना शहाब भी वोट डालने पहुंची थीं. वोट डालने के बाद उन्होंने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि वोटरों से अपील है कि संयम से मतदान केंद्रों पर जाएं और अपने मताधिकार का प्रयोग करें. कैंपेनिंग के दौरान हमने जन-जन तक पहुंच कर अपनी बात पहुंचा दी है. जनता होशियार है. जनता को पता है नेता नहीं सेवक चाहिए. एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ-साफ कहा कि अब लौट कर कभी आरजेडी में नहीं जाउंगी. 


आरजेडी को लेकर क्या बोलीं हिना शहाब?


इतना ही नहीं उन्होंने साफ तौर पर कहा कि शहाबुद्दीन साहब ने अपना फर्ज निभाया, लेकिन लालू आरजेडी ने शहाबुद्दीन साहब के परिवार को नहीं संभाला. शहाबुद्दीन साहब हर मुश्किल परिस्थिति में आरजेडी के साथ रहे. उनके निधन के बाद हमारे परिवार की अनदेखी की गई या नहीं यह अलग विषय है. आरजेडी तो शहाबुद्दीन साहब की पार्टी थी. वह पार्टी के संस्थापक सदस्य थे. उन्होंने जुबान दी थी कि जब तक जिंदा हूं तब तक लालू के साथ हूं. हिना शहाब यहीं नहीं रूकीं आगे कहा कि जीत गई तो सेवक के रूप में सीवान की सेवा करुंगी. आरजेडी में लौटकर वापस कभी नहीं जाऊंगी. आगे कदम बढ़ गया वह कदम अब पीछे की ओर नहीं जाएगा. 



निर्दलीय उम्मीदवार हिना शहाब ने कहा कि नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन वादे पूरे नहीं होते. मैं सेवक हूं. सीवान में बेरोजगारी, लचर शिक्षा व्यवस्था, चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है. दिल और जनता की आवाज है कि इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ा जाए. इसलिये निर्दलीय मैदान में हूं. सभी समाज हिन्दू-मुस्लिम सबका समर्थन हमको मिल रहा है. मेरे मुकाबला किसी से नहीं है. सीवान परिवार हमारा है. सीवान के सभी लोग हमारे हैं. सिवान की बेटी हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि जनता की सेवा का मौका इस बार मुझे मिलेगा.


बता दें कि मोहम्मद शहाबुद्दीन चार बार सांसद रहे थे. हिना शहाब के निर्दलीय मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. यहां से जदयू प्रत्याशी विजय लक्ष्मी देवी हैं. सीवान में आरजेडी ने अवध बिहारी चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. आरजेडी से इस बार हिना शहाब को टिकट नहीं मिला. 2009, 2014, 2019 में टिकट मिला था. 


18 लाख मतदाता करेंगे अपने मतों का प्रयोग


सीवान लोकसभा क्षेत्र में करीब 18 लाख मतदाता हैं. इनमें 9,85,125 पुरुष और 7,90,829 महिला मतदाता हैं. जातियों समीकरण पर नजर डालें तो यहां मुस्लिम लगभग 3 लाख, यादव लगभग 2.5, वहीं कुशवाहा वोर्टस की संख्या लगभग 1.25 लाख है, जबकि सहनी 80 हजार के आस-पास हैं. दूसरी ओर सवर्ण जातियों के मतदाताओं की संख्या लगभग 4 लाख और ईबीसी 2.5 लाख हैं. 1896 मतदान केंद्र बनाए गए हैं 


जदयू प्रत्याशी विजय लक्ष्मी देवी के पति रमेश कुशवाहा सीपीआईएमएल के नेता रह चुके हैं. सीवान में आईपीएफ (अब CPIML) के वर्चस्व को शहाबुद्दीन ने खत्म किया था. 90 के दशक में पिछड़ी और दलित जातियों के सहयोग से बने तब के आईपीएफ ने सवर्णों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया था. तनाव की स्थिति ऐसी थी कि कई हत्याएं भी हुईं. शहाबुद्दीन ने सवर्ण समाज का साथ दिया था. सवर्ण भी शहाबुद्दीन का साथ देते रहे. रमेश कुशवाहा की पत्नी को जदयू ने प्रत्याशी बनाया है इसलिए सवाल उठ रहा है कि क्या सवर्ण मतदाताओं का वोट हिना शहाब की ओर शिफ्ट होगा? बहरहाल इन सारे सवालों का जवाब जल्द ही 4 जून को मिल जाएगा. 


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