पटना: कैबिनेट की बैठक में सोमवार को कुल छह एजेंडों पर मुहर लगी है. नए वित्तीय वर्ष में बिहार कैबिनेट की पहली मीटिंग में नई शिक्षक नियमावली को मंजूरी मिली है. इस नई नियमावली से राज्य में तीन लाख के आसपास शिक्षक अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा. सातवें फेज की शिक्षक नियमावली पर मुहर लगने के साथ राज्य के कर्मियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि हुई है. पहले 38 फीसद था जो अब चार फीसद बढ़कर 42 हो गया है.


कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि शिक्षक बहाली की नई नियमावली पर मुहर लगी है. इस नियमावली का नाम होगा 'बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023'. इस नियमावली के तहत अब जो भी नियुक्ती राज्य सरकार शिक्षकों की करेगी वह अब राज्य कर्मी होंगे, यानी राज्य सरकार के कर्मी होंगे. यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है.


आयोग के जरिए होगी शिक्षकों की बहाली


एस सिद्धार्थ ने कहा कि इससे पूर्व राज्य में पंचायत शिक्षक, पंचायत समिति शिक्षक, जिला परिषद के शिक्षक और नगर निकाय के स्थानीय निकाय के शिक्षक हुआ करते थे. अब जो भी नई नियुक्ति होगी वह राज्य सरकार करेगी. राज्य सरकार नियुक्ति के लिए आयोग के माध्यम से परीक्षा लेगी. एक आयोग जो राज्य सरकार निर्धारित करेगी. हो सकता है बीपीएससी या कोई दूसरा आयोग हो. परीक्षा के माध्यम से ही अब नियुक्तियां होंगी.


शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि अब शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. आकर्षक वेतन के साथ सभी सुविधाएं दी जाएंगी. जो नियोजित शिक्षक हैं उन्हें बीपीएससी के माध्यम से एक परीक्षा पास करनी होगी, फिर वे भी नियमित शिक्षक बन जाएंगे. सवा दो लाख के आसपास अभी शिक्षकों की भर्ती होगी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में तीसरे और चौथे श्रेणी में 40-50 हजार बहाली होगी.



कर्मचारियों के साथ पेंशनभोगियों को भी लाभ


कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता बढ़ाने के एजेंडे पर भी मुहर लग गई है. बिहार में महंगाई भत्ता चार फीसद बढ़ाया गया है. अब राज्य के कर्मियों को महंगाई भत्ता 38 की जगह 42 फीसद मिलेगा. यानी यह चार फीसद बढ़ा है. एक जनवरी 2023 से यह लागू हो जाएगा. राज्य के कर्मचारियों के साथ पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा.


यह भी पढ़ें- Bihar Coronavirus: 'बिहार को वैक्सीन नहीं दे रही केंद्र सरकार', बढ़ते संक्रमण के बीच नीतीश ने की हाई लेवल मीटिंग