सिवान: कोरोना काल में बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भले ही लाख दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत उससे ठीक उलट है. आए दिन सूबे के अलग-अलग जिलों से जो तस्वीर आ रही है, वो चौंकाने वाली है. ताजा मामला बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिला सिवान के मैरवा का है, जहां बुधवार बेटा अपने बीमार पिता को ठेले पर लादकर अस्पताल ले जाता दिखा. 


सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं करते इलाज


ठेले पर अस्पताल ले जाने की वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पिता की तबीयत बुधवार को अचानक बिगड़ गई. कई बार उन्होंने सरकारी एम्बुलेंस को कॉल किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में मजबूरन पिता को ठेले पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा. उन्होंने बताया कि वो पिता को किसी प्राइवेट अस्पताल में ही इलाज के लिए लेकर जाएंगे, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर इलाज नहीं करते. 


 






मिली जानकारी अनुसार मैरवा थाना क्षेत्र के सिसवा खुर्द गांव निवासी कौशल किशोर पाल अपने बीमार पिता को ठेले से इलाज के लिए लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे थे. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने मरीज का इलाज नहीं किया, न ही दूसरी जगह ले कर जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया कराया. ऐसे में वो पिता को ठेले पर लादकर  निजी अस्पताल की ओर बढ़ गया. अब बेटे की लाचारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देख लोग सरकार पर हमला बोल रहे हैं.


सदर अस्पताल के सीएमओ ने कही ये बात


वहीं, इस मामले में जब सदर अस्पताल के सीएमओ डॉ. एमआर रंजन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा इस घटना की जानकारी मिली है. मैं खुद मैरवा जाकर इस घटना की जांच करूंगा, जो भी पदाधिकारी या कर्मचारी इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ये घटना मानवता के नाम पर कलंक है. अगर एम्बुलेंस रहते हुए किसी ने मरीज को उपलब्ध नहीं कराया तो ये जघन्य मामला है. जांच कर कार्रवाई की जाएगी.


यह भी पढ़ें -


एंबुलेंस विवाद में घिरे BJP के एक और सांसद, पप्पू यादव की 'सेना' ने खोला मोर्चा, जानें- क्या है पूरा मामला


इलाज के लिए ऑटो में तड़पता रहा घायल, डॉक्टरों ने नहीं ली सुध, गार्ड ने लगाया टांका, VIDEO वायरल