पटना: बिहार के आईपीएस अधिकारी और भोजपुर के एसपी सुशील कुमार ने कोरोना पर कैसे जीत हासिल की इसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया है. उन्होंने कोरोना को मात देने के अपने अनुभव को फेसबुक पर शेयर किया है और साथ ही कोरोना को लेकर बने डर को भी कम करने की कोशिश की है. सुशील कुमार का कहना है कि अस्पताल में उन्हें जाने दीजिए जो गंभीर रूप से बीमार हैं.
इस तरह सुशील कुमार ने कोरोना को दी मात
सुशील कुमार ने बताया, "मुझे जब 29 जून को कोविड-19 पॉजिटिव डिटेक्ट हुआ. मुझे इससे क़रीब 6 दिन पहले से सर्दी-बुख़ार था. तुरंत कई वरीय अधिकारियों ने पटना एम्स में भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन मैंने सोचा, चूंकि मुझे सांस संबंधी कोई विशेष परेशानी नहीं है और सर्दी भी दवाओं के कारण कम हो रही है, तो मुझे होम आइसोलेशन में रहना चाहिए. मैंने डाक्टर से तुरंत सलाह ली और होम आइसोलेशन में चला गया. क्योंकि कई गंभीर मरीज़ों को अस्पताल के ट्रीटमेंट की ज़रूरत है."
उन्होंने कहा कि मैंने डॉक्टरों की सलाह से दवाई ली और फिर ठीक हो गया. इसी बीच मेरी बेटी भी संक्रमित हो गई तो भी हम लोगों ने उसे होम आइसोलेशन में ही रखा और मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन किया. कल उसकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई है.
सुशील कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा, "बस एक दरख्वास्त है सामर्थ्यवान लोगों से कि पैनिक होने की कोई ज़रूरत नहीं है और हमें थोड़ी परेशानियों पर भी अस्पताल में भर्ती हो जाने की ज़रूरत नहीं है. पल्स ऑक्सीमीटर रखिए और शरीर में पल्स और ऑक्सीजन का लेवल मापते रहिए. जब लेवल असामान्य हो तभी अस्पताल जाएं. हिम्मत बनाए रखें. हम सक्षम हैं कि किसी अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं, लेकिन हमसे ज़्यादा बीमार और लाचार आदमी किसी अस्पताल की चौखट पर है, तो उसे ये सभी सुविधाएं पहले मिले ये हमारा नागरिक कर्तव्य है."
सुशील कुमार ने कहा कि यह वीआईपी सिन्ड्रोम से बचकर मानवता की सेवा का समय है. आने वाले समय में आप इसी कारण से याद किए जाएंगे.
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