पटना: सृजन घोटाला (Srjan Scam) मामले में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने तीन आरोपितों को भगोड़ा घोषित किया है. इनमें पूर्व आईएएस केपी रमैया, अमित कुमार और रजनी प्रिया का नाम शामिल है. इन्हें अब तक सीबीआई गिरफ्तार नहीं कर पाई है. करोड़ों रुपये के घोटाले के इस मामले में 27 आरोपित हैं. 13 न्यायिक हिरासत के तहत पटना के बेऊर जेल में बंद हैं जबकि तीन अभी भी फरार हैं. सात आरोपित जमानत पर हैं. वहीं चार अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर पटना हाई कोर्ट से रोक है.


बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 फरवरी को भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी केपी रमैया और घोटाले की किंगपिंग रही मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की गिरफ्तारी के लिए स्थायी वारंट जारी करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने इन तीनों के मुकदमे के अभिलेख को अलग करने का भी निर्देश दिया था. तीन आरोपितों केपी रमैया, अमित कुमार और रजनी प्रिया के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया था. सीबीआई ने फरार अमित कुमार व उसकी पत्नी रजनी प्रिया की 13 चल व अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की है.


पूर्व आईएएस केपी रमैया के खिलाफ जारी कुर्की वारंट का तामिला कर सीबीआई ने दो रिपोर्ट दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि रमैया ने संपति पत्नी जया भारती और पुत्र केएस शिवकांत के नाम कर दी है. सीबीआई रमैया को गिरफ्तार करने के साथ ही कुर्की वारंट का तामिला करने में भी असफल रही है. सीबीआई के विशेष कोर्ट ने सीबीआई के एसपी और आईजी को आदेश की प्रति भेजकर सृजन घोटाले के इस मामले की जांच कर रहे अनुसंधानकर्ता के आरोपित केपी रमैया के खिलाफ जारी कुर्की वारंट का तामिला नहीं किए जाने के आचरण को देखने को कहा है.


फील्ड सुपरवाइजर को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार


16 मार्च को बड़ी कार्रवाई की गई थी. इस घोटाले में शामिल फील्ड सुपरवाइजर उमेश कुमार सिंह को सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने उसे उसके घर शांति नगर सबौर से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार उमेश पर आरोप है कि सृजन घोटाले के दौरान चेक को इधर से उधर करने में इसकी बड़ी भूमिका जांच के दौरान सामने आई थी. भागलपुर सदर अस्पताल में मेडिकल के बाद टीम उसे लेकर पटना आ गई थी.


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