Patna News: बिहार लोक सेवा आयोग से चयन किए गए शिक्षक भर्ती में कमियों को लेकर छात्र नेता दिलीप ने बयान जारी करके बिहार सरकार को आगाह किया है. उन्होंने कहा है कि पहले चरण और दूसरे चरण में जो शिक्षक बहाल हुए हैं, उसमें बहुत गड़बड़ियां हुई हैं. बहुत सारे फर्जी शिक्षक बहाल हुए हैं, इन सब के डॉक्यूमेंट की जांच होनी चाहिए. अगर सरकार इस पर काम नहीं करती है तो बहुत जल्द पूरे बिहार में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.


फर्जी डॉक्यूमेंट के कई मामले उजागर


दिलीप ने कहा है कि एक नया मामला अभी उजागर हुआ है कि एक रोल नंबर पर दो और तीन शिक्षक की बहाली हो गई है, इसका खुलासा हम लोग जल्द करने वाले हैं. दिलीप ने कहा कि पहले चरण और दूसरे चरण में जो शिक्षक बहाल हुआ है उसमें कई फर्जी शिक्षक बने हैं, जो फर्जी डॉक्यूमेंट, प्रमाण पत्र ईतना तक की बायोमेट्रिक भी उनके फर्जी हैं. यह मांग पहले से उठ रही थी.


बांका सहित कुछ जिलों में इसकी जांच हुई है, लेकिन भागलपुर खगड़िया सहित कई जिलों में कई सारे ऐसे शिक्षक हैं, जो फर्जी डॉक्यूमेंट पर शिक्षक बने हुए हैं. साथ ही TRE 3 में रिजल्ट से पहले काउंसिलिंग हो. उन्होंने कहा कि यह फर्जीगिरी सिर्फ बिहार के ही शिक्षक लोग नहीं है बल्कि बिहार के बाहर के शिक्षक लोग भी आरक्षण लेने के लिए बिहार के कॉलेज स्कूलों के फर्जी प्रमाण पत्र देकर बहाल हो गए हैं. काफी संख्या में फर्जी शिक्षक की बहाली हुई है तो फिर शिक्षा में गुणवत्ता कैसे रहेगी. बच्चों को यह लोग क्या पढ़ाएंगे?


प्रमाण पत्र और डॉक्यूमेंट की जांच की मांग


छात्र नेता ने कहा कि इसलिए हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग से मांग करते हैं कि सभी शिक्षकों की बायोमेट्रिक जांच तो कम से कम अवश्य करनी चाहिए. उसके अलावा उनके सभी प्रमाण पत्र और डॉक्यूमेंट की जांच फिर से की जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. जो भी फर्जी शिक्षक पाए जाते हैं उनको अविलंब हटाना चाहिए. छात्र ने कहा कि सरकार को इस पर जल्द एक्शन लेना चाहिए नहीं तो हम बिहार के लोग आंदोलन पर उतरेंगे और सरकार को यह काम करना पड़ेगा.


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