पटना: बिहार के दो छात्रों ने राजस्थान के कोटा में बीते सोमवार को आत्महत्या कर ली. एक छात्र सुपौल का रहने वाला अंकुश आनंद और दूसरा गया का रहने वाला उज्ज्वल कुमार था. अंकुश बीते तीन साल से कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा था. वहीं उज्ज्वल आईआईटी की तैयारी कर रहा था. सोमवार को दोनों छात्रों का शव मिला है. इसके बाद दोनों के घरों में कोटा से कॉल करके सूचना दी गई. यह खबर सुनते ही परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. अंकुश और उज्ज्वल माता पिता के इकलौते पुत्र थे. उज्ज्वल के घरवाले बेसुध हैं.  


देर शाम कॉल आने के बाद घर में कोहराम


सोमवार की शाम खबर आई कि कोटा के दो अलग अलग हॉस्टल में बिहार के दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली है. इस खबर के बाद दोनों छात्रों के यहां कोहराम मच गया. अंकुश सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज के बभनगामा पैक्स अध्यक्ष संजीव यादव का इकलौता पुत्र था. उसकी मां त्रिवेणीगंज के सरकारी विद्यालय में शिक्षिका है. वहीं दूसरा छात्र गया जिले के डेल्हा थाना क्षेत्र के महावीर नगर निवासी प्रवेंद्र शर्मा का पुत्र उज्ज्वल है. उज्जवल के पिता एक प्रतिष्ठित कॉन्ट्रैक्टर हैं. घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया है. माता पिता सहित सभी का रो-रोकर बुरा हाल है. उज्ज्वल के माता पिता का कहना है कि उनका बेटा हंसमुख मिजाज का था. उसे कोई डिप्रेशन नहीं थी. उन्होंने गया जिला प्रशासन और कोटा प्रशासन से न्यायिक जांच की मांग की है. उनका मानना है कि बेटे का सुसाइड करना संदिग्ध है.


इकलौता पुत्र था उज्जवल घरवाले बेसुध


उज्ज्वल छह महीने पहले कोटा गया था. वहीं वह इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था. सुसाइड के पहले गया स्थित अपने घर में मौसेरी बहन के जन्मदिन पर वीडियो कॉल कर बधाई दी थी और परिवार के सभी सदस्यों से बातचीत भी की थी. उज्जवल के मामा संजीव कुमार पांडेय ने बताया कि दीपावली के बाद से वह कोटा आईआईटी इंजीनियरिंग की तैयारी करने गया था. वह खुद आठ और नौ दिसंबर को उज्जवल के साथ रहे थे. उसने कभी किसी परेशानी की बात नहीं की और न ही वह खुद डिप्रेशन में दिखा. सुसाइड की घटना के बाद परिजनों को फोन के माध्यम से जानकारी मिली. इसके बाद मृतक उज्जवल के पिता कोटा के लिए निकल चुके हैं. उसकी मां और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. पूरे मोहल्ले में मातम छाया है. उज्जवल इकलौता पुत्र था जिस कारण प्रतिदिन परिजनों से वह खुद बात किया करता था. उन्होंने कहा कि उसने कभी कोई परेशानी नहीं बताई और न ही पढ़ाई का कोई दबाव या डिप्रेशन था. ऐसे में फांसी लगाकर सुसाइड की घटना होना संदिग्ध है.


तीन साल से मेडिकल की तैयारी कर रहा था अंकुश


सुपौल के अंकुश आनंद तीन सालों से कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा था. वह तीन भाई बहनों में सबसे छोटा था अंकुश. उसकी दो बहन है जबकि अंकुश सबसे छोटा इकलौता बेटा था जो पढ़ने में मेधावी छात्र था. तीन वर्ष पहले बोर्ड एग्जाम के बाद अंकुश मेडिकल की तैयारी करने कोटा चला गया जहां वो कोटा के हॉस्टल में रहकर कोचिंग संस्थान में अध्ययनरत था. 


इनपुट: गया से अजीत और सुपौल से प्रियरंजन


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