पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा संचालित आईटीआई कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र अब इलेक्ट्रिक कार बनाना सीखेंगे. श्रम विभाग ने सभी आईटीआई कॉलेज में छात्रों को सीखने के लिए इलेक्ट्रिक कार के साथ-साथ टेक्नीशियन भी भेजे हैं. श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम ने मंगलवार (26 सितंबर) को हरी झंडी दिखाई. बिहार के 25 सरकारी आईटीआई कॉलेज में 25 कारें भेजी गई हैं.


'बड़े संस्थानों में मिलेगी बेहतर नौकरी'


मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि आईटीआई कॉलेज के छात्रों को हाईटेक तरीके से शिक्षा देने पर विभाग काम कर रहा है. इसके लिए विभाग ने टाटा टेक से समझौता किया है. आज 25 कॉलेज में 25 कारें भेजी गई हैं. सभी कॉलेजों में जाकर इलेक्ट्रिक कार कैसे बनाई जाती है, यह कार कैसे काम करती है इसकी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे बिहार के आईटीआई कॉलेज में पढ़ने वाला छात्रों को नई तकनीक की जानकारी मिलेगी. उन्हें बड़े संस्थानों में बेहतर नौकरी मिलेगी.


मंत्री ने कहा कि निजी आईटीआई कॉलेज की गड़बड़ी को रोकने को लेकर विभाग एक्टिव है. मौके पर मौजूद श्रम संसाधन विभाग के नियोजन निदेशक एवं प्रशिक्षक आलोक कुमार ने बताया कि विश्व बाजार की मांग के अनुरूप अत्याधुनिक व्यवसाय में प्रशिक्षण दिया जाएगा जो बेरोजगार युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के अंतर्गत 44 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अपने भवन में आंशिक नवीनीकरण के उपरांत टेक लैब की स्थापना की जा रही है. इन संस्थानों में 7800 वर्ग फीट का कार्यशाला का निर्माण कराया जा रहा है. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों जहां अपने भवन में जगह उपलब्ध नहीं है वहां 9600 वर्ग फीट का वर्कशॉप एवं टेक लैब का निर्माण किया जाना है.


राज्य सरकार को 12 प्रतिशत करना है खर्च


आलोक कुमार ने कहा कि इस परियोजना की कुल लागत 4606.97 करोड़ रुपये है. इसमें 12 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को वहन करना है और 88 प्रतिशत राशि टाटा टेक के द्वारा वहन किया जाएगा. प्रत्येक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में दो प्रशिक्षक की नियुक्ति टाटा टेक की ओर से की जाएगी. टाटा टेक द्वारा प्रत्येक चयनित संस्थान को प्रशिक्षण के लिए एक इलेक्ट्रिक कार एवं एक पेट्रोल कार दी जा रही है जिसकी आज शुरुआत की गई है. 


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