पटना: बिहार के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शिशु रोग विभाग में प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष प्रो. डा. विनोद कुमार सिंह को प्रभारी अधीक्षक के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करते हुए निलंबित कर दिया. उनके इस फैसले पर शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है. कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. तेजस्वी ने जिस तरह से निलंबन दिया है वो गलत है.
तेजस्वी यादव ने गुरुवार रात नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान डेंगू मरीजों (Dengue Cases) के इलाज एवं व्यवस्था को लेकर सामने आई कमियों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने ये बड़ा फैसला लिया. उ.न्होंने मरीजों के इलाज में कोताही बरतने और अन्य स्वास्थ्य सुविधा में कमियों के कारण प्रो. डा. विनोद कुमार सिंह को निलंबित किया.
तेजस्वी ने व्यवस्था में गड़बड़ी की कही बात
तेजस्वी का कहना था की डेंगू मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो रहा. व्यवस्था में गड़बड़ी है. सामान्य मरीजों को भी डेंगू वार्ड में रखा गया है. दवाइयां नहीं मिलती हैं. इन सबके बाद अधीक्षक विनोद सिंह को निलंबित कर दिया गया. इसकी सूचना आरजेडी प्रवक्ताओं ने पार्टी के ऑफिशियल ग्रुप तक में डाली थी. आरजेडी के ट्विटर से ट्वीट भी किया गया था, लेकिन तेजस्वी का यह निर्णय सवालों के घेरे में आ गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उनके इस फैसले से नाराज है. शनिवार को पटना में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मीटिंग हुई. एनएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर विनोद कुमार सिंह के निलंबन को लेकर बैठक हुई. सभी बड़े पदाधिकारी मौजूद थे.
तेजस्वी के फैसले को कोर्ट में देंगे चुनौती
अध्यक्ष डॉ. डी.एस सिंह ने कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है. सरकार की गलती है. तेजस्वी अपनी गलती का दोषारोपण डॉक्टरों पर न दें. तेजस्वी खुद में सुधार करें. डॉक्टर विनोद सिंह के निलंबन को तुरंत वापस लिया जाए. तेजस्वी ने गलत निर्णय लिया. बिना नोटिस के निलंबित किया गया. तेजस्वी को गलत फीडबैक दिया गया. हड़ताल की चेतावनी दी. उन्होंने कहा की सरकार ऐसा नौबत न आने दें कि उसका कष्ट बिहार की जनता को भोगना पड़े.
उन्होंने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण फैसले के खिलाफ हम लोग किसी हद तक जा सकते हैं. आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद ने कहा कि सीएम नीतीश को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. डॉ विनोद सिंह के निलंबन को वापस लिया जाए. डॉ विनोद सिंह अनुभवी, योग्य व्यक्ति हैं. एनएमसीएच में वह अपने विभाग का काम भी देखते थे. साथ ही सुपरिटेंडेंट हैं. वह केस करेंगे. निलंबन के फैसले को चुनौती देंगे.
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