पटना: बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व मंत्री के आप्त सचिव मृत्युंजय कुमार के तीन ठिकानों पर शुक्रवार को विशेष निगरानी इकाई, पटना की टीम ने छापेमारी की. ओएसडी खान एवं भूविज्ञान विभाग के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जमा करने का मामला दर्ज किया है. मृत्युंजय मूल रूप से अररिया के खरिया टोला के श्रीकृष्ण नगर गांव के रहने वाले हैं. वहीं, फिलहाल पटना में वे फ्लैट नंबर-104, एसके पुरी में रहते हैं. 


कई प्रखंडों के रहे हैं बीडीओ


वर्तमान में आप्त सचिव के पद पर पदस्थापित मृत्युंजय पूर्व में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के पद पर कटिहार जिला के कई प्रखंडों में पदस्थापित रहे हैं. उनका पूर्व पदस्थापन अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, पटना के पद पर भी रहा है. इसी सेवा अवधि के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर ज्ञात व वैध आय के स्रोत से काफी अधिक धनार्जन कर उन्होंने पटना और अन्य जगहों पर खुद, सगे भाई धनंजय कुमार और महिला मित्र रत्ना चटर्जी (सेवा से बर्खास्त बाल विकास परियोजना पदाधिकारी) के नाम पर पटना में जमीन, फ्लैट, सिलीगुडी में दुकान के रूप में अचल संपत्ति बनाए हैं.


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आरोप है कि इस काम के लिए उन्होंने परिजनों, मित्रों और अन्य के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग कर काले धन को सफेद बनाने का भी प्रयास किया है. उनपर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने नजायज ढंग से अकूत सम्पत्ति अर्जित की है, जो कि उनके द्वारा प्राप्त वेतन एवं अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में बहुत ही अधिक है. इसी आरोप पर उन पर आय से अधिक कुल एक करोड़, 73 लाख और पांच हजार रुपये की संपत्ति गैरकानूनी और नाजायज ढंग से अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया है.


2013 में पत्नी की हो चुकी है मौत


बता दें कि मृत्युंजय कुमार की पत्नी का नाम आरती मृदभाषी था. आरती मृदभाषी से मृत्युंजय कुमार के तलाक का भी मुकदमा चल रहा था. लेकिन इसी बीच 2013 में आरती मृदभाषी की मृत्यु हो गई. अभियुक्त के पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान यह पाया गया कि रत्ना चटर्जी अभियुक्त के साथ ही पटना स्थित उसके निवास पर नाजायज रूप रह रही है. वहीं, कटिहार में रत्ना चटर्जी के आवास से लगभग 30 लाख रुपये मिले हैं. 


तलाशी के दौरान यह पाया गया कि अभियुक्तों के खाते से मोटी रकम की आदान-प्रदान की गई है. ताकि एक भ्रम की स्थिति पैदा हो सके और नजायज आमदनी को छुपाया जा सके. इन बिंदुओं पर आगे जांच की जाएगी. छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. 


महिला मित्र का सारा खर्च उठाते हैं मृत्युंजय


गौरतलब है कि रत्ना चटर्जी रिश्वत लेते हुए ठाकुर गंज से रंगे हाथ गिरफ्तार हुई थी, ऐसे में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. बर्खास्तगी के बाद उनका देख-रेख और उनके खर्च का वहन मृत्युंजय कुमार ही करते हैं. वर्तमान में ये धनंजय कुमार के घर के पास नया घर बनवा रही हैं, जिसका खर्च भी मृत्युंजय कुमार द्वारा ही दिया जा रहा है. रत्ना चटर्जी के नाम एक फ्लैट पावर हाउस रोड, वार्ड नं-41, ज्योति नगर, सिलीगुड़ी में है, जिसके खरीदने में भी मृत्युंजय कुमार ने अवैध कमाई से मोटी राशि भुगतान किया है.


तलाशी के दौरान एक फ्लैट सिलीगुड़ी में जिसकी कीमत 33 लाख है, कटिहार से एक तीन लाख रुपये की प्लाट, गोल्ड बिस्कुट 30 अदद और अश्लील साहित्य बड़ी मात्रा में बरामद हुई है, जिसकी स्थानीय थाना में एफआईआर दर्ज की गई है. पटना में लोयला स्कूल के नजदीक 32 लाख की एक प्लॉट की भी सूचना है. रत्ना चटर्जी के नाम सिलीगुड़ी, सेवक रोड में प्लेनेट मॉल में एक दुकान है. 
 
रत्ना चटर्जी के कटिहार आवास से तलाशी में 45 लाख मूल्य के जेवरात बरामद हुए हैं और तीन एलआईसी की पॉलिसी मिली है जिसका प्रत्येक का मासिक प्रीमियम 40,000 रुपये है. कई बैंकों के पासबुक भी बरामद हुए है, जिसका अध्यतन हिसाब बैंकों से लिया जा रहा है.



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