पटना: बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच बिहार पूर्व डिप्टी सीएम और विधान परिषद अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लालू यादव रांची से एनडीए के विधायकों टेलीफोन कॉल कर रहे हैं और मंत्री बनाने का प्रलोभन देकर बहलाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में जब मैंने फोन किया तो लालू यादव ने सीधे उठाया, जिसपर मैंने कहा कि जेल से ये गंदी हरकतें मत करें, आप सफल नहीं होंगे.





अब यह समझिए कि सुशील मोदी द्वारा लगाया गया आरोप क्यूं गंभीर है और अगर यह सच हुआ तो क्या है सकता है? दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम को देखा जाए तो एनडीए को 125 सीटें मिली हैं, जबकि महागठबंधन के पास 110 सीट है. ऐसे में महागठबंधन को सरकार बनाने को लिए मजह 12 सीट की जरूरत है. इस परिस्थिति में अगर सुशील मोद का आरोप सही निकला और एनडीए विधायकों में टूट हुई तो सरकार गठन के बाद भी परिणाम पलट सकता है और महागठबंधन सरकार बना सकती है.


मालूम हो कि यब पहली बार नहीं है इसुसे पहले भी सुशील मोदी लालू यादव पर जेल में रहते हुए जेल मैनुअल का उल्लंघन करने का आरोप लगा चुके है. दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और इन दिनों सजा काट रहे है. तबीयत खराब होने की वजह से पहले उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में रखा गया था, बाद में कोरोना के खतरे को देखते हुए रिम्स डायरेक्टर के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया है. ऐसे में मौजूदा समय में वो वहीं रह रहे हैं.