पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी खाली हुई राज्यसभा की सीट पर नामांकन की प्रक्रिया शुरु होगी. नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 दिसंबर है और एक दिन बाद यानि 4 दिसंबर को नामांकन पत्र की जांच होगी और 5 दिसंबर तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा. फिर शुरु होगी मतदान की प्रक्रिया जो 14 दिसंबर को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक चलेगी. मतगणना उसी दिन यानि 14 दिसंबर की शाम में होगी.


राजनीतिक जानकारों की माने तो राज्यसभा की एक सीट के लिए हो रहे इस उपचुनाव में एनडीए की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन प्रत्याशियों के नाम को लेकर संशय बरकरार है. क्योंकि चिराग पासवान के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड का ऐतराज होना तय माना जा रहा है.बताते चलें कि लोकसभा चुनाव के दौरान 'सीट शेयरिंग फॉर्मूले' के तहत एलजेपी को राज्यसभा के एक सीट देने का फैसला तय हुआ था. तब सीटों के सामन्जस्य पर बीजेपी और जेडीयू 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी और एलजेपी ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.


साथ ही 6 सीटों के साथ राज्यसभा की एक सीट एलजेपी के कोटे में देने के लिए बीजेपी-जेडीयू ने सहमति दे दी थी. अब जबकि केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद उनकी खाली राज्य सभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी एलजेपी के उम्मीदवार को नहीं उतारेगी तो ये उस फॉर्मूले का उल्लंघन होगा.


जीत के लिए  जरूरी संख्या


बिहार विधानसभा में एनडीए के सहयोगी दल एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने जेडीयू और नीतीश कुमार को टारगेट किया इससे जेडीयू के नेता बेहद नाराज हैं और राजनीतिक गलियारे में ये चर्चा जोरों पर है कि जदयू उपचुनाव में एलजेपी के उम्मीदवार को सपोर्ट नहीं करेगी. सीटों के समीकरण के अनुसार अगर विपक्ष की ओर से भी प्रत्याशी खड़ा कर दिया जाता है तो 243 सदस्यीय विधानसभा में जीत उसी की हो सकती है, जिसे पहली वरीयता में कम से कम 122 वोट मिलेंगे. ऐसे में कोई भी दल अकेले इस अंक के आसपास भी नहीं है.


शाहनवाज हुसैन का नाम इस रेश में आगे


दिवंगत मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुए सीट पर हो रहे उपचुनाव में एनडीए के गलियारे में सबसे ज्यादा जिस नाम की चर्चा है वो है पूर्व सांसद शाहनवाज हुसैन.सूत्रों की माने तो शाहनवाज बीजेपी के चर्चित चेहरें हैं और लंबे समय से किसी सदन में इनकी भागीदारी नही रही है ऐसे में उनको उपचुनाव के माध्यम से राज्यसभा भेजा जा सकता है. हालांकि सब कुछ आलाकमान पर निर्भर करता है. एनडीए की ओर से राज्यसभा की यह सीट किसके खाते में जाएगी, इस पर अभी उहापोह की स्थिति बरकरार है.


सुशील मोदी का नाम भी चर्चे में


राज्यसभा सीट के लिए बीजेपी का कोई ऐसा चेहरा जो एनडीए के सर्वसम्मति से मैदान में आएगी तो उसकी जीत निश्चित होगी.पार्टी सूत्रों की माने तो उपचुनाव की एक सीट के लिए दल में कई नामों की चर्चा है.उनमें सबसे ज्यादा चर्चे में हैं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी. अटकलें तो ये भी लगाई जा रही है कि इन्हे राज्यसभा सांसद बनाकर केंद्र में मंत्री बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है. इसलिए इन्हें बिहार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. केंद्र में इन्हें कोई अहम मंत्रालय की जिम्मेवारी देने के कयास लग रहे हैं.