BPSC Guideline for Tanti-Tatwa Caste: सुप्रीम कोर्ट की ओर से तांती-ततवा जाति को अनुसूचित जाति से हटाकर अति पिछड़ा में शामिल करने के मामले पर अब बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) ने भी एक्शन लिया है. इस आदेश के बाद बिहार में हुई तीसरे चरण की शिक्षक बहाली (TRE-3) के रिजल्ट में अब देरी होने की संभावना बढ़ गई है. बीते गुरुवार (22 अगस्त) को बीपीएससी (BPSC) की ओर से नोटिस जारी किया गया है.


तांती-ततवा जाति के अभ्यर्थियों को सूचना दी गई है कि, "जो भी इस जाति के अभ्यर्थी हैं और विज्ञापन संख्या 22/2024 के अंतर्गत अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल हुए थे, उन्होंने अपने ऑनलाइन आवेदन में अनुसूचित जाति में होने का दावा किया था. अब वो अपने यूजर नेम और पासवर्ड से लॉगिन कर अपनी कोटि के अति पिछड़ा वर्ग (04) के तहत तांती-ततवा जाति के रूप में सुधार कर दें. साथ ही क्रीमी लेयर रहित प्रमाण पत्र अपलोड करना भी जरूरी है."


'नहीं करने पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेगा आयोग'


बीपीएससी की ओर से जारी किए गए नोटिस में यह भी कहा गया है कि आरक्षण की कोटि में  सुधार एवं क्रीमी लेयर रहित प्रमाण पत्र अपलोड नहीं करने पर तांती-ततवा जाति  के किसी भी कोटि में आरक्षण का दावा मान्य नहीं होगा. इसके लिए आयोग ने दो सितंबर से 23 सितंबर 2024 तक का समय रखा है. इस समय अवधि में जो भी तांती-ततवा जाति के अभ्यर्थी हैं उन्हें  ऑनलाइन सुधार करना होगा, नहीं तो अभ्यर्थियों पर निर्णय लेने के लिए आयोग स्वतंत्र रहेगा.


टीआरई-4 के विज्ञापन में देरी होना तय


दरअसल, पहले से चर्चा थी कि टीआरई-3 की शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में आ सकता है, लेकिन बीपीएससी के इस नोटिस के बाद यह तय हो गया है कि अब 23 सितंबर तक तो किसी भी हाल में रिजल्ट जारी नहीं होगा. प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक के शिक्षक भर्ती का रिजल्ट अब सितंबर महीने के अंत में यानी 25 सितंबर के बाद ही आ सकेगा. इसके साथ ही टीआरई-4 के विज्ञापन में भी देरी होना तय माना जा रहा है.


बता दें कि राज्य सरकार की अधिसूचना पर 2 जुलाई 2015 में तांती-ततवा जाति को पूर्व में रहे अति पिछड़ा जाति से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल कर दिया गया था. इसके बाद डॉ. भीमराव आंबेडकर विचार मंच ने राज्य सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. काफी लंबे समय के बाद 15 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि तांती-ततवा जाति को अनुसूचित जाति की सूची से अलग कर दिया जाए और पूर्व की तरह अति पिछड़ा जाति में शामिल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने 12 अगस्त को तांती-ततवा जाति को अनुसूचित जाति की सूची से बाहर कर दिया.


बीपीएससी की ओर से जारी नोटिस को देखने के लिए यहां क्लिक करें


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