पटना: नियोजन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के धरने का आज आठवां दिन है. पटना के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर बीते आठ दिनों से बैठे महिला-पुरुष शिक्षक अभ्यर्थियों की एक ही मांग है कि सरकार उन्हें नियुक्ति पत्र देकर जल्द से जल्द से बहाल करे. हालांकि सरकार ने इस ओर अब तक कोई आदेश नहीं दिया है.
ऐसे में अपनी जान की बाजी लगाकर नौकरी पाने की जिद पर अड़े बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन के अभ्यार्थी तमाम परेशानियों को दरकिनार कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी परेशानी सुन कर आंखों आंसू आजायेंगे.
घर नहीं लौटने की कसम ले कर बैठे हैं अभ्यर्थी
एबीपी की टीम सोमवार को प्रदर्शनकारी शिक्षकों हाल जानने पहुंची, जहां उन्होंने छपरा से आईं मुन्नी शुक्ला से बातचीत की. मुन्नी की अब तक शादी नहीं हुई है. इस संबंध में उनका कहना है कि उनके ऊपर दो भाई और एक मां के देखभाल की जिम्मेदारी है. शादी के लिए पैसों की जरूरत है, जो उनके पास नहीं है और अब ये नौकरी ही उनकी एक आखिरी उम्मीद है.
मुन्नी का कहना है कि अगर उन्हें नौकरी नहीं मिलती है तो वह घर वापस नहीं जाएंगी. यहीं अपनी जान दे देंगी. उन्होंने कहा कि सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बात करती है, लेकिन जब बेटी को नौकरी देने की बात आती है तो उनकी मंशा पर ग्रहण लग जाता है.
तमाम परेशानियों के बावजूद डटी हैं महिला अभ्यर्थी
एक और महिला मधु ने एबीपी से बात करते हुए बताया की यहां महिलाओं के लिए कई अनेक समस्या है. उनका कहना है कि रहने के लिए खुला आसमान है और सोने के लिए सड़क है. लेकिन इस परिस्थिति में भी वे अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मधु ने बताया कि उनके घर में उनके अलावा कमाने वाला कोई नहीं है.
कैसे होती है आंदोलनकारियों की सुबह
आंदोलनकारियों से जब उनका दिनचर्या पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके दिन की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ होती है. उसके बाद वहां मौजूद लोग अपनी-अपनी बातों को अन्य शिक्षक अभ्यर्थियों के सामने रखते हैं. ताकि लंबे समय से चल रहे संघर्ष में किसी का हौंसला नहीं टूटे.
सरकार कर रही है बात चीत
गौरतलब है कि इस विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार पहले टाल मटोल कर रही थी. हालांकि, अब बिहार सरकार की ओर से अधिकारियों का एक समूह आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल से बातचीत कर रहा है. लेकिन इस बातचीत से अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है. ऐसे में प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि सरकार ने 27 जनवरी तक का वक़्त लिया है. अगर तब तक मसले का हल नहीं निकलता है हम आंदोलन को और तेज करेंगे.
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