बिहार शिक्षक नियोजन: नौकरी से पहले ‘चढ़ावा’, उसके बाद बन रहा मेडिकल सर्टिफिकेट! नालंदा का मामला, VIDEO देखें
बिहार में 42 हजार प्रारंभिक शिक्षकों को 23 फरवरी से नियुक्त पत्र दिया जा रहा है. इसके पहले नालंदा में पैसा लेकर मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
नालंदाः बिहार में 42 हजार प्रारंभिक शिक्षकों को आज से नियुक्त पत्र दिया जा रहा है. इस बीच नालंदा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. नियोजित शिक्षकों के काउंसलिंग से पहले बिहारशरीफ सदर अस्पताल में पैसा लेकर मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया जा रहा है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में मेडिकल सर्टिफिकेट के बदले कर्मचारी पैसे लेते दिख रहे हैं.
एक नियोजित शिक्षक अभ्यर्थी ने बताया कि पैसा नहीं देने पर मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बनाया जा रहा है. उसने खुद यह वीडियो बनाकर वायरल किया है. यह भी कहा कि जितना ज्यादा पैसा उतना जल्दी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर दिया जा रहा है. इस मामले में सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है. यदि ऐसा मामला आएगा तो कार्रवाई की जाएगी.
बिहार में नौकरी से पहले ‘चढ़ावा’! बिहारशरीफ सदर अस्पताल में नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग से पहले मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का मामला सामने आया है. ना सिर्फ फर्जी तरीके से यह बन रहा बल्कि सर्टिफिकेट के बदले सिविल सर्जन कार्यालय में पैसा भी लिया जा है जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. pic.twitter.com/J3ZeNq5mcI
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) February 22, 2022
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बता दें कि बिहार में 23 फरवरी से 42 हजार प्रारंभिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया शुरू हुई है. अकेले 23 फरवरी को करीब 25-30 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने की संभावना है. छठे चरण में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया जुलाई 2019 में प्रारंभ हुई थी. वहीं, शिक्षा विभाग ने सभी जिला पदाधिकारियों से निर्देश दिया है कि हर हाल में 25 फरवरी तक नियुक्ति पत्र बांट दें.