Patna High Court Stay on Bihar Teacher Transfer Posting Policy: बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर पटना हाईकोर्ट की ओर से फिलहाल स्टे लगा दिया गया है. मंगलवार (19 नवंबर) को ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से दायर याचिका (केस संख्या CWJC 17441/2024) पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.


अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार एवं सीनियर अधिवक्ता ललित किशोर ने शिक्षकों का पक्ष रखा. इसके बाद हाईकोर्ट की ओर से ट्रांसफर-पोस्टिंग पर स्टे लगाया गया. अब 21 जनवरी 2025 को अगली सुनवाई होगी. 


नई नीति का विरोध कर रहे थे कई शिक्षक संगठन


वकील मृत्युंजय कुमार ने कहा कि हम लोगों ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी बिल्कुल गलत है. इसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए स्टे लगा दिया है.


सारे शिक्षकों पर लागू नहीं होगा कोर्ट से लगा स्टे


वकील मृत्युंजय कुमार ने कहा कि औरंगाबाद के 13 शिक्षकों की ओर से याचिका दायर की गई थी. नई पॉलिसी के तहत इन 13 शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गई थी. अब इनकी पोस्टिंग पर स्टे लगाया गया है. ऐसे में अगर 13 शिक्षकों द्वारा दायर की गई याचिका में ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी में कहीं कोई खामी आती है तो अन्य शिक्षक जो इसके विरोध में हैं उन्हें फायदा मिल सकता है. फिलहाल बाकी शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक नहीं लगी है. यानी यह स्टे अन्य शिक्षकों पर लागू नहीं होगा.


ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी का किया जा चुका है विरोध


बता दें कि शिक्षक संगठनों ने सरकार की इस ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी का भी विरोध किया है. आरोप लगाया है कि आवेदन प्रक्रिया में गड़बड़ी है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने विकल्प देने के लिए जो नियम बनाए हैं वो प्रक्रिया में सही तरीके से लागू नहीं हो रहे हैं.


यह भी पढ़ें- DCLR साहब हो जाएं अलर्ट! कार्रवाई के लिए पटना DM ने की बड़ी तैयारी, 15 दिन बाद हो सकता है एक्शन