पटना: बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली पर कैबिनेट में मुहर लग गई है. अब शिक्षक अभ्यर्थियों में इसको लेकर गुस्सा फूट पड़ा है. मंगलवार (11 अप्रैल) को भारी संख्या में एसटीईटी (STET) पास शिक्षक अभ्यर्थियों ने पटना में आरजेडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इसको देखते हुए आरजेडी दफ्तर के आगे सुरक्षा बढ़ानी पड़ी. भारी संख्या में पुलिस बल को बुलाया गया. इस दौरान शिक्षक अभ्यर्थियों ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के खिलाफ नारेबाजी की.


कई शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि नियुक्ति की जो नई नियमावली पर बिहार कैबिनेट से मंजूरी दी गई है यह काला कानून है. बहाली को फंसाने वाला काम किया गया है. हम लोगों को ठगने का काम किया गया है. सरकार ने वादाखिलाफी की है. बार बार हम लोग क्यों परीक्षा दें? नई नियमावली को सरकार वापस ले. 2019 में हम लोगों ने क्वालीफाई किया था. चार साल से नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. नियुक्ति हो गई होती तो हम लोग स्कूलों में पढ़ा रहे होते.


तेजस्वी यादव पर भी हमला


प्रदर्शन के दौरान कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने वादा किया था कि महागठबंधन सरकार बनते ही पहली कैबिनेट मीटिंग में शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली का निर्णय होगा. नौ महीने बाद महागठबंधन सरकार ने शिक्षक नियुक्ति की नई नियमावली पर मुहर लगाई लेकिन यह काला कानून जैसा है.


बता दें कल बिहार सरकार ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी है. शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी के माध्यम से होगी. सीटीईटी, एसटीईटी और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी परीक्षा में अधिकतम तीन बार बैठ सकेंगे. बहाल शिक्षक सरकारी कर्मी कहलाएंगे. नई नियुक्ति नियमावली आज से ही प्रभावी हो गई है. सोमवार (10 अप्रैल) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023 की मंजूरी दे दी गई है. अब शिक्षक अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे.


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