पटना: पंचायत चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते ही बिहार में करीब सवा लाख शिक्षकों की बहाली होगी. सवा आठ हजार फिजिकल टीचर भी बहाल होंगे. विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने यह बातें कहीं. वे शिक्षा विभाग की अनुपूरक व्यय विवरणी पर हुई बहस का उत्तर दे रहे थे. उन्होंने कहा कि करीब 40 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो गई है. राज्य सरकार संस्कृत एवं उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देगी. इसे देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में अधिक बेहतर बनाया जाएगा.


विजय चौधरी ने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी के चलते कुछ स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो रही है लेकिन इस समस्या को जल्द ठीक कर लिया जाएगा. एक किमी की दूरी पर प्राइमरी, तीन किमी की दूरी पर मध्य और पांच किमी के दायरे में माध्यमिक स्कूल खुल चुके हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग राज्य के शिक्षकों को कम वेतन देने की शिकायत करते हैं. अभी जो बहाली हो रही है, उसमें राज्य के शिक्षकों को वेतन के तौर पर 36 हजार रुपया दिया जाएगा. यह असम के वेतन 31 हजार और झारखंड के 34 हजार रुपये से अधिक है. एआइएमआइएम के नेता अख्तरुल ईमान को भरोसा दिलाया कि सरकार उर्दू और संस्कृत को प्राथमिकता दे रही है.


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शिक्षा मंत्री ने विपक्ष को दिया जवाब


शिक्षा विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के कार्यकाल में काफी सुधार हुआ है. प्राथमिक स्कूलों की संख्या 37 हजार से बढ़कर 40 हजार हो गई है. माध्यमिक विद्यालयों की संख्या तब साढ़े 13 हजार थी, वह अब 29 हजार है. मंत्री ने आरजेडी (RJD) शासनकाल में हुई शिक्षक बहाली में धांधली की ओर इशारा करते हुए कहा कि शिक्षकों की बहाली बिहार लोक सेवा आयोग से हुई थी लेकिन, उस समय में आयोग के चार में से सिर्फ एक अध्यक्ष निलंबित हुए थे. तीन को जेल की हवा खानी पड़ी थी. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश के कार्यकाल में बहाली पारदर्शिता से हुई है.



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