गयाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की ओर से दिए गए बयान पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जब हम बोलेंगे तो बात बड़ी हो जाएगी. नीति आयोग का मापदंड क्या है, कैसे गरीबी-अमीरी को देखती है कि स्वास्थ्य, शिक्षा सब में बिहार पीछे है. जब स्पेशल राज्य का दर्जा देने की बात आती है तो उसमें कहा जाता है कि बिहार में अहर्ता नहीं है. दोनों बात कैसे हो सकती है?


जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में अतिपिछड़ा और पिछड़ा होने के नाम पर जब इसको विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते हैं तो इसका मतलब है कि बिहार में उन्नति व विकास हुआ है. उसी प्रकार से स्वास्थ्य का जहां तक सवाल है राज्य व देश में 29 राज्यों में बिहार 13वां स्थान पर आता है, तो 13वां स्थान होने के बाद भी तो और अन्य राज्य हैं फिर सबसे पीछे बिहार को कैसे कहा जाएगा?


पहले अस्पतालों में बेड पर गधे और कुत्ते


आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश सरकार के पहले की बात कही जा रही है तो उस समय बिहार की स्थिति क्या थी यह भी देखना चाहिए. सिर्फ आज की बात नही, पीछे की भी बात होनी चाहिए. पहले अस्पताल के बेडों पर गधे और कुत्ते रहते थे. डॉक्टर नहीं आते थे और उस वक्त प्रतिदिन 10 से 11 मरीज आते थे. आज मरीजों की संख्या बढ़ी है.


जीतन राम मांझी ने कहा कि नीति आयोग को ठीक ढंग से यह करना चाहिए और जो कहने वाले हैं उनको सोचना चाहिए कि उनके पिता और माता जी के समय के शासनकाल में क्या स्थिति थी. आज यह कह सकते हैं कि स्वास्थ्य की बहुत अच्छी स्थिति नहीं है जो होना चाहिए था, लेकिन पीछे की तुलना में आज बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं बहुत अच्छी हैं. आवश्यकता है आगे कुछ और करने की.



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