बिहार: अशोक स्तंभ के अपमान मामले ने पकड़ा तूल, अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लिखा गया पत्र
संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए अधिवक्ता ने शिकायत में लिखा है कि दो सप्ताह के अंदर मामले में सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो वह इसके लिए उच्च न्यायालय जाएंगे.
रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के अपमान से जुड़ा मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस संबंध में पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रवि कुमार सिंह ने भारत सरकार के गृह सचिव, बिहार सरकार के मुख्य सचिव और रोहतास के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई की मांग की है.
25 जनवरी को स्थापित किया गया था स्तंभ
बता दें कि पिछले महीने के 25 जनवरी को बिना किसी तकनीकी निर्देश के बिक्रमगंज के मुख्य चौराहा तेंदूनी चौक पर राष्ट्रीय प्रतीक 'अशोक स्तंभ' को स्थापित किया गया था. बाद में 2 दिनों के उपरांत ही 27 जनवरी 2021 की रात उसे हटा भी दिया गया.
इस संबंध में शिकायतकर्ता अधिवक्ता रवि कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि बिक्रमगंज नगर परिषद से जुड़े संबंधित अधिकारी और संवेदक द्वारा राष्ट्रीय प्रतीकों से संबंधित गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए उक्त अशोक स्तंभ को बाद में वार्ड नंबर-22 में कचरे में फेंक दिया गया, जो राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है.
दोषी अधिकारीयों की जा सकती है नौकरी
उन्होंने बताया कि इसके लिए कानून में प्रावधान है, जिसके तहत पूरे प्रकरण को कारित करने वाले दोषी लोगों पर कानून की सुसंगत धाराओं के तहत सजा का प्रावधान है. वहीं, जो भी सरकारी कर्मी या अधिकारी इसमें सम्मिलित होंगे, उनकी नौकरी जा सकती है. साथ ही जेल की सजा और जुर्माना भी हो सकता है.
संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए अधिवक्ता ने शिकायत में लिखा है कि दो सप्ताह के अंदर मामले में सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो वह इसके लिए उच्च न्यायालय जाएंगे.
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