पटना: फुलवारी शरीफ स्थित नया टोला के जिस अहमद पैलेस को पुलिस ने आतंकी ट्रेनिंग का अड्डा बताया वहां बिहार के एक विधायक का राजनीतिक दफ्तर भी था. फुलवारी शरीफ से सीपीआई एमएल के विधायक गोपाल रविदास (Gopal Ravidas) ने शुक्रवार को एबीपी न्यूज से बातचीत में इसके बारे में बताया. गोपाल रविदास ने कहा कि जिस अहमद पैलेस से मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज पकड़े गए हैं उस अहमद पैलेस में मैं जाता था. अहमद पैलेस मेरा चुनावी दफ्तर रहा है.
गोपाल रविदास ने कहा कि 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में चुनावी रणनीति उसी अहमद पैलेस में बैठकर बनाता था. कार्यकर्ताओं को निर्देश देता था. फुलवारी शरीफ के एक-एक घर को जानता हूं. वहां शरीफ लोग रहते हैं. अहमद पैलेस से जो भी लोग पकड़े गए हैं और पूरे फुलवारी शरीफ से जितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है वो लोग निर्दोष हैं. पुलिस उनको तुरंत रिहा करे.
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कोई सबूत नहीं मिला
आगे विधायक ने कहा कि पुलिस के पास इन लोगों के खिलाफ में कोई सबूत नहीं है. अहमद पैलेस से पुलिस को पीएफआई का झंडा, बैनर-पोस्टर मिला था. पीएफआई एक रजिस्टर्ड संस्था है जो देश हित में विश्वास रखती है. कुछ राज्यों में कांग्रेस और बिहार में पप्पू यादव की पार्टी जाप के साथ चुनाव लड़ चुकी है.
फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार को चुनौती देता हूं कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ में कोई सबूत मिला है तो मुझे दिखाएं. मैं राजनीति छोड़ दूंगा. फुलवारी शरीफ में आतंकी ट्रेनिंग नहीं दी जाती थी. बीजेपी और आरएसएस के इशारे पर मुस्लिम बहुल फुलवारी शरीफ को बदनाम किया जा रहा है. 2024 का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी यह सब कर रही है. पीएम मोदी (PM Modi) जब बिहार आते हैं तो दिखाया जाता है कि उनको आतंकियों से खतरा है. 12 जुलाई को पीएम पटना आए थे. 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ में कुछ लोगों को पकड़ कर दिखा दिया कि यह लोग आतंकी हैं और पीएम को उनसे खतरा है.
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