पटना. बिहार सरकार की ओर से शिक्षक नियुक्ति नियमावली (Bihar Teacher Recruitment Rules) को मंजूरी मिलते ही विपक्ष ने सरकार पर हमला शुरू कर दिया है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा है कि शिक्षक अभ्यर्थियों को फिर एक बार ठगा जा रहा है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार की नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के मुताबिक 2019 में टीईटी और एसटीईटी पास कर चुके शिक्षक अभ्यर्थियों को एक और परीक्षा देनी पड़ेगी. इसके अलावा नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी बनने के लिए भी पुनः परीक्षा देनी पड़ेगी. अब हर विद्यालय में पुराने वेतनमान, नियोजित शिक्षक और नई नियमावली के तहत बहाल सरकारी शिक्षक यानी कुल 3 प्रकार के शिक्षक होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इतना भद्दा मजाक शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ कृपया मत कीजिए.
अब 'विद्यालय अध्यापक' कहलाएंगे शिक्षक
दरअसल, बिहार सरकार ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को मंजूरी दी है. गौरतलब है कि सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में शिक्षक नियुक्ति नियमावली को मंजूरी दी गई. इसके तहत अब राज्य में में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों में शिक्षकों को अब 'विद्यालय अध्यापक' कहा जाएगा. इसके साथ ही कैबिनेट में इस पद पर नियुक्ति के लिए नियमावली को हरी झंडी दे दी गई.
लिखित परीक्षा के जरिए होगी भर्ती
इसके साथ ही सरकार की ओर से कहा गया है कि इस पद पर सीधी भर्ती लिखित परीक्षा के जरिए होगी. इसके लिए परीक्षा का आयोजन राज्य सरकार की ओर से अधिकृत आयोग करेगी. यानी अब बिहार में संविदा पर शिक्षक नियुक्ति न हो कर राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारी के रूप में की जाएगी. इसके साथ ही इस नियम को भी मंजूरी दी गई कि कोई भी अभ्यर्थी इस पद के लिए तीन बार ही परीक्षा दे सकेंगे.
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