बिहार: घुटने भर पानी में चलकर परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थी, कहा- सरकार को करनी चाहिए थी व्यवस्था
कॉलेज के कर्मचारी ने बताया कि परेशानी तो हो ही रही है. सरयू के जलस्तर में वृद्धि के बाद कॉलेज जलमग्न हो गया है. लेकिन सरकारी आदेश है तो परीक्षा तो किसी भी तरह लेनी ही है.
छपरा: बिहार में अमूमन सभी नदियां उफान पर हैं. नदियों में आए उफान की वजह से कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. हालांकि, बाढ़ के बावजूद परीक्षाओं का सिलसिला जारी है, जिससे परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को बिहार के सारण जिले में परीक्षार्थियों के परेशानी की तस्वीर सामने आई. सीईटी-बीएड-2021 की परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों को घुटने भर पानी में चलकर परीक्षा हॉल तक पहुंचना पड़ा.
जलमग्न हुआ कॉलेज परिसर
दरअसल, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा द्वारा आयोजित बिहार बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा-2021 का आयोजन जिला मुख्यालय छपरा स्थित 09 परीक्षा केन्द्रों पर होना था. इन नौ केंद्रों में से एक छपरा का पीएन सिंह डिग्री कॉलेज भी था. लेकिन सरयू नदी का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से पूरा कॉलेज परिसर जलमग्न हो गया, जिस वजह से परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
छात्राओं ने बताई परेशानी
परीक्षार्थी घुटने भर पानी में चलकर परीक्षा हॉल तक पहुंचते नजर आए. वहीं, कुछ छात्राएं ठेले पर बैठकर पानी पार करती दिखीं. इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें काफी परेशानी हो रही है. परीक्षा दें या छोड़ दें ये समझ नहीं आ रहा. सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी. या तो वे परीक्षा की तिथि आगे बढ़ा देते या पहले ही परीक्षा ले लेते. बाढ़ के पानी में भींग कर आने-जाने में परेशानी के साथ ही बीमारियों का भी खतरा है.
कर्मचारियों को भी हो रही है दिक्कत
इधर, कॉलेज के कर्मचारी ने बताया कि परेशानी तो हो ही रही है. सरयू के जलस्तर में वृद्धि के बाद कॉलेज जलमग्न हो गया है. लेकिन परीक्षार्थियों के लिए ठेले की व्यवस्था की गई है. सरकारी आदेश है तो परीक्षा तो किसी भी तरह लेनी ही है. परीक्षार्थियों के साथ ही कॉलेज के कर्मचारियों को भी दिक्कत हो रही है. दो दिनों पहले आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी सूचना दी थी. उन्होंने जल निकासी के उपाय भी किए थे. लेकिन आपदा पर किसी का वश नहीं है.
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