बगहा: कोरोना काल में रोजाना अस्पताल प्रबंधन की लाहरवाही का मामला सामने आ रहा है. ताजा मामला बिहार के पश्चिमी चंपारण के बगहा अनुमंडल के अनुमंडलीय अस्पताल का है, जहां स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से मरीज की जान चली गई. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन की नींद नहीं खुली, ऐसे में मृतक के बेटे को खुद ही पीपीई किट पहन कर पिता के शव को पैक करना पड़ा. शव पैक करने के बाद  भी स्वास्थ्यकर्मी मौके पर नहीं पहुंचे, जिसके बेटा खुद पिता के शव को उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचा.


तीन घंटे तड़पने के बाद हुई मौत


दरअसल, बीते दिनों बगहा के पिपरिया के रहने वाले कृष्णा मिश्र को बगहा स्थित कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया था. लेकिन शुक्रवार को अचानक उनकी तबीयत बीगड़ गई. ऐसे में परिजन डॉक्टर और नर्स को बुलाने लगे. लेकिन घंटों मिन्नत करने बादजूद वे नहीं आए, जिस वजह से इलाज के अभाव में त़ड़प-तड़पकर मरीज की मौत हो गई. मौके बाद भी अस्पताल प्रबंधन की आंखें नहीं खुली, नतीजतन बेटे को पिता के शव को पैक कर एंबुलेंस तक पहुंचाना पड़ा.


इस पूरे मामले में मृतक के बेटे का आरोप है कि तीन घंटे तक लगातार चीखने और चिल्लाने के बाद भी नर्स और डॉक्टर ने सुधि नहीं ली. ऑक्सीजन उपलब्ध रहने के बावजूद ऑक्सीजन नहीं लगाया गया, जिस वजह से उसके पिता की मौत हो गई है. इधर, अस्पताल प्रबंधन इस पूरे मामले में कैमरा के सामने आने से इंकार कर रहा है. बाहरहाल वजह चाहे जो भी हो अस्पताल प्रबंधन की ऐसी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल जरूर खड़े कर रही है.


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