पटना: बिहार पंचायती राज्य विभाग ने पंचायत चुनाव से ठीक पहले मौजूदा मुखियाओं के लिए बड़ा आदेश जारी किया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के अनुसार वैसे मुखिया जिनका वित्तीय वर्ष 2020 का ऑडिट पूरा नहीं हुआ है, उन मुखियाओं को सरकार अयोग्य घोषित करेगी.


अपर मुख्य सचिव के अनुसार पंचायती राज अधिनियम के तहत ससमय ऑडिट पूरा कराना अनिवार्य है. अगर कोई जीपी(ग्रॉस प्रॉफिट) विफल हो जाता है, तो यह वैधानिक कर्तव्य के निर्वहन में विफलता है. इसलिए वैसे सभी मुखिया, जिनके 31 मार्च,2020 तक जीपी (ग्रॉस प्रॉफिट) का ऑडिट पूरा नहीं हुआ है, उन्हें अयोग्य घोषित किया जाएगा. साथ ही सभी मुखियाओं का यूसी (अनएप्लाइड कैश) जमा करना अनिवार्य है.


बता दें कि राज्य में इसी साल पंचायत चुनाव होने वाला है. राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव के तिथियों की घोषणा कर सकती हैं. हालांकि, आयोग ने ये स्पष्ट के दिया है कि चुनाव 10 चरणों में होंगे और ईवीएम के माध्यम से वोटिंग होगी. इधर, चुनाव में खर्च होने वाली राशि को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.


गौरतलब है कि बीते दिनों राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी की मंशा रखने वालों के लिए मानकों की सूची जारी की थी. जो उम्मीदवार उन मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.


आयोग की ओर से जारी मानकों की सूची इस प्रकार है-




1. भ्रष्टाचार के दोषी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया जाएगा.





2. चुनाव से जुड़े किसी कानून के तहत अगर उम्मीदवार को पहले अयोग्य घोषित किया गया है, तो वैसे उम्मीदवार को मौका नहीं मिलेगा.


3. मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.


4. 21 साल से कम उम्र वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है.


5. केंद्र सरकार, राज्य सरकार या कोई स्थानीय ऑथोरिटी की नौकरी करने वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.


6. वैसे उम्मीदवार जिन्हें कदाचार के मामले नौकरी से पदमुक्त किया गया हो, वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.


7. आपराधिक मामलों में 6 माहीने से अधिक की सजा पाने वाला व्यक्ति नहीं


8. वैसे उम्मीदवार जो पंचायत में वैतनिक या लाभ के भोगी हैं, वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.


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