(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार: मंदिरों की जमीन होंगी देवता के नाम, सरकार की ओर से कराया जा रहा सर्वेक्षण
प्रमोद कुमार ने कहा, " हम अपनी संपत्ति का सर्वे कराते हैं, मगर ठाकुर जी की संपत्ति का नहीं कराते हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि जमीन का सर्वे हो और उससे जुड़े जो भी तथ्य हैं, वो सभी सामने आ जाएं."
पटना: बिहार में मंदिरों और मठों के नाम दान की गई जमीन मंदिर के ही देवी-देवता के नाम करने की तैयारी चल रही है. जमीन का स्वामित्व किसी व्यक्ति विशेष का ना होकर अब देवताओं के ही नाम होगा. इसके लिए बिहार सरकार के विधि विभाग की ओर से सर्वेक्षण शुरू करा दिया गया है. फिलहाल, राज्य के 38 में से 20 जिलों में सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है, जिसके तहत मंदिरों-मठों के नाम दान में दी गई जमीन की पहचान कर जानकारी इकट्ठा की जाएगी और फिर उसका स्वामित्व मंदिर के देवता के ही नाम कर दिया जाएगा.
धार्मिक न्यास बोर्ड की जमीन का सर्वेक्षण
इस संबंध में बिहार सरकार के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि भूमि सर्वेक्षण कराइये. ऐसे में राज्य के 38 में से 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. इसी तरह धार्मिक न्यास बोर्ड जो विधि विभाग के अधीनस्थ है, इस बोर्ड में हमारे पूर्वजों ने जो भी जमीन दान दी, या जो भी परिसंपत्ति हैं, उसका भी सर्वेक्षण कराया जा रहा है.
मंत्री ने कहा, " बीच के कालखंड में सर्वे दो हुए. एक सर्वे 1905 के बाद और एक 1952 के बाद. एक सर्वे अंग्रेजों ने कराया था, तो उसे बुझारत करवाया गया. उस बुझारत में राम जन्म भूमि के बारे में लिखा गया था. उसी तरह मठों और मंदिरों की जो परिसंपत्ति हैं, विभिन्न धर्मों की, इनके सभी का भी सर्वे कराया जा रहा है. ताकि कुल संपत्ति का आंकड़ा सामने आ जाए."
'ठाकुर जी की संपत्ति का सर्वेक्षण क्यूं नहीं'
प्रमोद कुमार ने कहा, " हम अपनी संपत्ति का सर्वे कराते हैं, मगर ठाकुर जी की संपत्ति का नहीं कराते हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि जमीन का सर्वे हो और उससे जुड़े जो भी तथ्य हैं, वो सभी सामने आ जाएं. इसी वजह से हमलोग न्यास बोर्ड की परिसंपत्तियों का सर्वे करा रहे हैं."
सहयोग कार्यक्रम के दौरान बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना है कि भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र हो. ऐसे में जब तक सर्वे नहीं होगा तो स्वामित्व का पता लगाना कैसे संभव होगा. इसलिए मंदिरों को दान में दी गई जमीन का पहले सर्वेक्षण कर विवरण जुटाया जाएगा, फिर संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र उस मंदिर के नाम ही जारी कर दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि मंदिर की संपत्ति राष्ट्र की संपत्ति है. इसे संरक्षित करना सरकार की जिम्मेदारी है.
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