पटना: अति दुर्लभ बीमारी से ग्रसित 10 महीने के अयांश के माता-पिता सोमवार को बच्चे की जान बचाने के खातिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. हालांकि, जनता के दरबार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से मिलने की आस लेकर पहुंचे आलोक सिंह और नीतू सिंह को बैरंग वापस लौटना पड़ा. वे घंटों जनता दरबार के बाहर अयांश को गोद में लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की इंतजार में बैठे रहे लेकिन अधिकारियों ने उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया.


बिना रजिस्ट्रेशन के मिलने की अनुमति नहीं 


इस संबंध में अयांश के पिता आलोक सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुलाकात करेंगे. इसी आस में हम लोग सुबह 10 बजे से आकर बैठे हुए थे. लेकिन जब गेट के पास गए तो उन्होंने मिलाने से मना कर दिया. अयांश के संबंध में जानकारी होने के बावजूद मना कर दिया गया. उनका ये कहना था कि बिना रजिस्ट्रेशन के इस कार्यक्रम के दौरान मिलने की अनुमति नहीं है. 


आलोक सिंह ने बताया कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उन्होंने 18 जुलाई को रेजिस्ट्रेशन भी कराया है, लेकिन तब भी कार्रवाई नहीं हो रही है. मुख्यमंत्री के अधिकारी आश्वासन देते हैं कि आज मिलवा देंगे, कल मिलवा देंगे लेकिन मिलवाते नहीं हैं. वे रोज केवल इंतजार करते रहते हैं. 


बनाया जाए नया प्रवधान


इधर, अयांश की मां नेहा सिंह ने कहा कि ये बिहार का पहला मामला है. ये काफी दुर्लभ बीमारी है. ये हजारों में बच्चों में से एक को होती है. ऐसे में अगर प्रावधान नहीं है, तो प्रावधान बनाया जाए. अभी तक हमारे पास 6 करोड़ 25 लाख रुपये की राशि जमा हो चुकी है. लेकिन अब मदद मिलने की रफ्तार घट गई है. दो महीने में इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य है, वरना अयांश बच नहीं पाएगा.


मदद करने का प्रावधान नहीं 


दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब अयांश के संबंध में पूछा गया था तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि सरकारी योजना के तहत इस तरह के मामलों में मदद करने का कोई प्रावधान नहीं है. सभी लोग मानवता के नाते मदद कर रहे हैं. हमसे भी जो बन पड़ेगा वो करेंगे. मालूम हो कि बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला अयांश एक बेहद ही दुर्लभ और खतरनाक बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी जूझ रहा है. 


बीमारी के इलाज के लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. लेकिन अयांश के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वो इतनी महंगी इंजेक्शन खरीद सकें. ऐसे में उन्होंने अपने दस महीने के बच्चे को बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.


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