भागलपुर: जिले के काजवलीचक में तीन मार्च की रात हुए जोरदार धमाके की चपेट में आए मृतकों के परिजनों व घायलों को मुआवजा देने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. इस रोक के बाद अब परिजनों की आस टूट सी गई है. हालांकि वह अब भी मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि वो निर्दोष हैं. उनके घर का आदमी चला गया. अब वह कुछ नहीं कर पा रहे. मामले को लेकर 27 मई को एनजीटी ने मुआवजा दिए जाने की बात कही थी. मृतकों के परिजनों को 20 लाख और घायलों को 10 लाख मुआवजा देने की बात हुई. जिला प्रशासन ने इस आदेश के विरुद्ध जाकर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी.
दोषीयों की संपत्ति बेच कर मुआवजा दे सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी को प्रोफार्मा पक्ष के रूप में लेते हुए प्रतिवादी की सूची से हटा दिया. मुआवजे पर रोक के बाद धमाके में मारे गए निर्दोषों के परिजन हताश हैं. हमले में दोषियों के घरों के साथ-साथ निर्दोषों के घर जमींदोज हुए और कई निर्दोष भी मारे गए. मृतक राजकुमार और राहुल के घर का आधा हिस्सा ध्वस्त हुआ था किसी तरह बांस के सहारे आधे हिस्से को बचाया गया है. परिजनों का कहना है कि हम लोग निर्दोष थे. आदमी तो चला गया, घर भी गिर गया. अब घर भी नहीं बना पा रहे हैं. सरकार ने मुआवजा पर भी रोक लगा दी है. जो दोषी है उसकी संपत्ति जब्त कर सरकार से मुआवजा की मांग परिजन कर रहे हैं.
जिलाधिकारी ने कहा फिलहाल जांच चल रही इसलिए रोक
जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि मुआवजा का आदेश एनजीटी की ओर से दिया गया था. हमने इसके विरुद्ध राज्य सरकार को लिखा. इसके बाद राज्य सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. अभी मुआवजे पर रोक लगा दी गई है क्योंकि मामले की जांच चल रही है.
धमाका वाली भयावह रात
बता दें कि तीन मार्च 2022 की रात कोतवाली थाना क्षेत्र के काजवलीचक में जोरदार धमाका हुआ था. धमाके में तीन घर जमींदोज हो गए थे. दो घरों का आधा हिस्सा टूट कर गिर गया. जब मलबा हटाया गया तो एक के बाद एक दो दिनों तक 15 शव निकाले गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बम धमाके मामले की जांच का दिया था आदेश
धमाके की गूंज दिल्ली तक गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मामले पर ट्वीट कर जांच की बात कही थी. कई दलों के नेता मृतक के परिजनों से मिले लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की गई. भारी मात्रा में घटनास्थल से बारूद भी बरामद हुआ था. कई तरह की जांच शुरू हुई ,एटीएस ने भी जांच शुरू की. पुलिस प्रशासन ने एसआईटी का भी गठन किया, लेकिन जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है. फिलहाल निर्दोषों के परिजनों को मुआवजे की आस है.
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