सुपौल: बिहार के सरकारी अस्पतालों में स्वस्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों की कमी है. सरकार की इस लापरवाही का खामियाजा मरीजों को समय-समय पर भुगतना पड़ता है. ताजा मामला बिहार के सुपौल जिले के सदर अस्पताल का है, जहां रविवार को महिला खून के लिए तड़पती रही, लेकिन अस्पताल में कर्मी नहीं होने के कारण ब्लड डोनर के मौजूद होने बावजूद ब्लड नहीं लिया जा सका. दरअसल, शहर के वार्ड 13 की रहने वाली महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 


प्रसव पीड़ा में तड़पती रहा महिला


परिजनों की मानें तो डॉक्टरों ने कहा कि पेसेंट को चार यूनिट ब्लड चढ़ाने की जरूरत है, लेकिन सदर अस्पताल में ब्लड नहीं है. इस वजह से उन्हें रेफर करना पड़ेगा. मरीज को हमारे निजी क्लीनिक में लेकर आ जाओ. हालांकि, परिजनों ने उनकी बात नहीं मानी और ब्लड डोनेट करने वाली संस्था से मदद की गुहार लगाई. गुहार लगाने के बाद 4-5 लड़के ब्लड डोनेट करने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां ब्लड लेने वाला कोई नहीं था. 


ब्लड डोनेट करने आये युवक के जज्बे को सलाम


ब्लड डोनेट करने आए युवक ने कहा कि कोरोना काल में कोई किसी से मिलना पसंद नहीं करता है. लेकिन हमलोग सूचना मिलते ही महिला जो प्रसव पीड़ा में तड़प रही है, उसकी जान बचाने के लिए ब्लड देने आए. लेकिन सदर अस्पताल सुपौल कोई ब्लड लेकर चढ़ाने वाला नहीं है. ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो हमलोग अपने खर्च पर ब्लड चढ़वाएंगे. 


जिलाधिकारी से गई कुव्यवस्था की शिकायत


हालांकि, मीडियाकर्मियों के पहुंचने के बाद अस्पताल कर्मी हरकत में आए. फिर भी उनका टाल मटोल जारी रहा. इसकी सूचना मीडियाकर्मियों द्वारा जिलाधिकारी महेंद्र कुमार को दी गई, जिसके बाद सदर अस्पताल के डीएस अरुण वर्मा प्रसव कक्ष पहुंचे और वहां मौजूद नर्स से जानकारी लेते हुए, अविलंब ब्लड चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा.


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