Bihar News: भारत बंद के दौरान बच्चों से भरी बस रोकने और उपद्रव करने वाले तीन लोग गिरफ्तार, 300 पर FIR दर्ज
Disturbance During Bharat Bandh: पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने के बाद छापेमारी में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है. गुरुवार को गिरफ्तार सभी तीन अभियुक्तों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.
FIR Against Demonstrator In Gopalganj: गोपालगंज में भारत बंद के दौरान हुए उपद्रव और बवाल को लेकर पुलिस ने एक्शन शुरू कर दिया है. नगर थाने में इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान ने खुद एफआइआर दर्ज कराई है. जिसमें भारतीय न्याय संहिता के 9 धराओं को लगाया गया है. पांच नामजद समेत 300 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. पुलिस ने इन पर लाठी-डंडों से राहगिरों के साथ मारपीट करने, टायर जलाकर एनएच व अन्य सड़क को जाम करने, बच्चों से भरी स्कूल बस को जलती आग पर रोकने, बच्चों की जान को खतरे में डालने और लोक सेवकों के साथ बदलसूकी करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
तीन उपद्रवियों को पुलिस ने भेजा जेल
पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने के साथ ही ताबड़तोड़ छापेमारी कर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ करने के बाद गुरुवार को गिरफ्तार सभी तीन अभियुक्तों को न्यायालय में प्रस्तुत किया. इनमें जादोपुर थाना क्षेत्र के भुआली टोला का अन्नू राम, सिधवलिया का शंभू कुमार राम और रंजित कुमार राम शामिल है.
वहीं, पुलिस ने पांच उपद्रवियों की पहचान करने का दावा किया है, इनमें सिधवलिया थाने के बुचिया गांव निवासी भिखारी राम का पुत्र इंद्रजीत कुमार राम, स्व. मोरंग राम का पुत्र शिव कुमार राम, इनामी टोला निवासी रामायण राम के पुत्र पिंटू कुमार राम, जादोपुर थाने के भुआली टोला निवासी काशी राम के पुत्र अन्नू कुमार राम और नगर थाना क्षेत्र के सुकुलवा खुर्द गांव के निवासी विजय बहादुर राम के पुत्र जय कुमार उर्फ लक्की कुमार शामिल हैं. इन सभी पांच आरोपितों के अलावा 300 अज्ञात लोगों को उपद्रव में शामिल बताया गया है. इनकी पहचान की जा रही है.
क्या हैं धाराएं और सजा का प्रावधान
1. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 126 (2) : गलत तरीके से रोक लगाने के अपराध से जुड़ी है. इस धारा के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति किसी और व्यक्ति को जान-बूझकर रोकता है, जिससे उसे किसी भी दिशा में आगे बढ़ने से रोका जा सके, तो यह गलत तरीके से रोक लगाना माना जाएगा. इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से रोकने का दोषी पाया जाता है, तो उसे एक महीने तक की जेल और 5,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
2. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 127 (2) : जब कोई भी किसी व्यक्ति को गलत तरीके से कैद करेगा, उसके लिए यह धारा है. इसमें एक वर्ष तक की कैद की सजा, या पांच हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है.
3. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 191 (2) : धारा का मतलब साधारण दंगे के अपराध को बताया गया है. यदि किसी दंगे में घातक हथियार का शामिल ना किया गया हो, तो ऐसे अपराध में दोषी व्यक्तियों को दो वर्ष तक की कारावास व जुर्माने से दंडित किया जाता है.
4. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 190 : अगर कोई व्यक्ति किसी गैरकानूनी सभा का सदस्य है और उस सभा के उद्देश्य को पूरा करने के लिए कोई अपराध किया जाता है, तो उस सभा के सभी सदस्यों को दोषी माना जा सकता है. जिसमें कारावास की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकती है.
5. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115 (2) : धारा का मतलब स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का अपराध माना गया है. बीएनएस की धारा 115(2) में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति यह जानते हुए भी कि उसके द्वारा किए गए कार्य से किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंच सकती है. ऐसा अपराध करेगा तो उस व्यक्ति को दंडित किया जाने का प्रावधान है.
6. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 : यह धारा हत्या का प्रयास का है. एक बेहद ही गंभीर अपराध माना जाता है. जिसमें आरोपी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध के कारण किसी व्यक्ति की जान जाने की भी संभावना हो सकती है. इसलिए इस अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ही इसे संज्ञेय व गैर-जमानती रखा गया है.
7. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 132 : यह धारा लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल के प्रयोग को कवर करती है. लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने पर लगता है.
8. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 352 : यह धारा शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करने को शामिल करता है. शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने पर लगाया जाता है. इसमें एक अवधि के लिए कारावास या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जा सकता है.
9. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 3(5) : धारा के तहत जब कोई आपराधिक कृत्य सामान्य को आगे बढ़ाते हुए कई व्यक्तियों द्वारा किया जाता है. सभी का इरादा, ऐसे प्रत्येक व्यक्ति उस कार्य के लिए उसी तरह से उत्तरदायी है. इस धारा में सजा का प्रावधान है.
बख्शे नहीं जाएंगे उपद्रवी-इंस्पेक्टर
गोपालगंज नगर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर ओमप्रकाश चौहान का कहना है कि पुलिस उपद्रवियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. कानून को हाथ में लेने वाले लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. वीडियो फुटेज के आधार पर दोषियों को चिन्हित कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
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