बिहार: नहाने के दौरान नदी में डूबने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, युवक की बाल-बाल बची जान
घटना के बाद पिपरिया थानाध्यक्ष को छोड़कर करीब ढाई घंटे तक कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे थे. जिलाधिकारी के काफी प्रयास के बाद एसडीआरएफ की टीम ने शाम साढ़े पांच बजे के बाद नदी में शव खोजना शुरू किया.
लखीसराय: बिहार के लखीसराय जिले के रामचन्द्रपुर में शुक्रवार को एक ही परिवार के तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई. मिली जानकारी अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे सुमन चौक स्थित किऊल नदी में स्नान करने के दौरान तीनों गहरे पानी में चले गए, जिस वजह से उनकी मौत हो गई. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम और स्थानीय गोताखोरों ने काफी जद्दोजहद के बाद केवल एक युवक राजा के शव को पानी से बाहर निकाला. रोहित और खुशी का शव देर शाम सात बजे तक भी एसडीआरएफ की टीम नहीं खोज पाई. अंधेरा होने के बाद ऑपरेशन बंद कर दिया गया. दो बच्चों का शव नहीं मिलने से स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
दिल्ली जाने वाला थे सभी
रामचंद्रपुर निवासी कारू सिंह और सुबोध सिंह हाल ही में दिल्ली से अपने घर लौटे थे. दोनों भाइयों के घर में सबकुछ ठीक था. दोनों ने अपने परिवार के साथ दिल्ली जाने की तैयारी पूरी कर ली थी. शनिवार को ट्रेन पकड़नी थी. लेकिन शुक्रवार की सुबह किऊल नदी में बच्चों के डूब जाने के बाद सारी तैयारी धरी रह गई.
नदी किनारे कारू सिंह, सुबोध सिंह, उनकी पत्नी और अन्य स्वजन घंटों रोते रहे. इधर, मौके पर मौजूद रामचंद्रपुर पंचायत के मुखिया जयप्रकाश साव, पूर्व प्रमुख रविरंजन उर्फ टनटन, जिला परिषद अध्यक्ष रामशंकर शर्मा पीड़ित स्वजनों को ढांढ़स बंधाते रहे.
आपदा की तैयारी की खुली पोल
इस घटना ने प्रशासन के बाढ़ पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी. घटना के बाद पिपरिया थानाध्यक्ष को छोड़कर करीब ढाई घंटे तक कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे थे. जिलाधिकारी के काफी प्रयास के बाद एसडीआरएफ की टीम ने शाम साढ़े पांच बजे के बाद नदी में शव खोजना शुरू किया. इधर, प्रशासनिक लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने सुरजीचक पुल के पास महाजाल लगा दिया. हालांकि, पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर शांत करा दिया.
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