बिहार: किसानों के समर्थन में कल RJD का धरना प्रदर्शन, तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री पर किया बड़ा हमला
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस बाबत कहा कि गांधी के विचारों का हनन किया जा रहा है, इसलिए आरजेडी गांधी मैदान में गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना प्रदर्शन करेगी.
पटना: किसानों के समर्थन में आरजेडी का ऐलान. कल पटना के गांधी मैदान तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी धरना प्रदर्शन करेगी. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस बाबत कहा कि गांधी के विचारों का हनन किया जा रहा है, इसलिए आरजेडी गांधी मैदान में गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना प्रदर्शन करेगी.वहीं केन्द्र सरकार पर हमलावर होते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कि ये कैसी सरकार है, जब देश में किसान परेशान हैं तो पीएम मोदी जी गायब हैं.किसानों को कृषि कानून पर कोई विस्तार से चर्चा नहीं की गई है कि किसान किस प्रकार से काम करेंगे. अगर उन्हें कोई परेशानी हुई तो कहां जाएंगे.
सरकार पर हमलावर तेजस्वी यादव ने कही ये बातें
पटना में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तेजस्वी ने कहा कि कृषि बिल के विरोध में 25 सितम्बर को हम लोगों ने प्रदर्शन किया था. जब से मौजूदा मोदीजी की सरकार चल रही है आप देखेंगे हर संस्थान का निजीकरण हो रहा है,प्राईवेट हाथों में बेचा जा रहा है. मैं बिहार के किसानों से आग्रह करता हूं कि इस काले कानून के विरोध में सड़क पर उतरें.msp समाप्त करने के बाद किसानों की आय दुगुनी कैसे होगी,ये समझ के परे है. एक एग्रीकल्चर सेक्टर हीं बचा था जिसे प्राईवेट हाथों मे बेचा जा रहा है.हम लोगों ने सारे फैसले इनके देखें है,ये कहते हैं जनता के हित का फैसला है,जो गलत साबित होता है. किसानों के आत्महत्या की खबरें आ रही है,मौजूदा सरकार आने के बाद देश के किसान कमजोर हुए हैं और उस पर ऐसा काला कानून,ये देश के खिलाफ है. कानून बनाने से पहले किसानों से परामर्श करना चाहिए था,अब स्क्रिप्ट लिखा जा रहा है. किसानों को लिखित में आश्वस्त क्यों नही किया जा रहा है.बिहार के मुख्यमंत्री ने खुल कर सदन में इस बिल का समर्थन किया था. यहां अब तक किसानों से धान का क्रय नही किया गया है. यहां मंडी सिस्टम नीतीश कुमार ने खत्म किया है.अब तो हर क्षेत्र के लोग पुरष्कार वापस कर रहे हैं तब भी इस सरकार को समझ नही आ रहा है. इतनी बड़ी समस्या आयी तब भी प्रधानमंत्री इनसे मिलने नही गये. प्रधानमंत्री को बात सुननी चाहिए थी या नहीं. जनप्रतिनिधि का यही काम होता है. फैसला जनता का होना चाहिए.