पटना: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वालों की संख्या (Motihari Hooch Tragedy) अब भी लगातार बढ़ रही है. इससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. इस मामले को लेकर जिले के पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी है. पांच थानाध्यक्षों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. वहीं, पुलिस इस मामले की जांच में अभी भी जुटी हुई है.
पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा ने सोमवार को बताया कि पिछले 10 घंटों में चार और लोगों की मौत हुई है. मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. घटना के बाद संबंधित थानों के पांच थानाध्यक्षों को भी कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
इन्हें किया गया निलंबित
उन्होंने बताया कि तुरकौलिया, हरसिद्धि, सुगौली, रघुनाथपुर और पहाड़पुर के थानाध्यक्षों को निलंबित किया गया है. इससे पहले जिला पुलिस ने इस मामले को लेकर रविवार को दो पुलिस अधिकारियों और नौ चौकीदारों को निलंबित कर दिया था. जिला पुलिस ने अब तक पांच मामले दर्ज किए हैं. इस सभी केसों में जांच चल रही है.
सख्ती के बाद भी होती है तस्करी
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को शराब की बिक्री और पीने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. इसके साथ ही शराब तस्करों के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के बावजूद प्रदेश में शराब की तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं.
बिहार में शराब है बैन
जिला पुलिस ने शनिवार और रविवार को संबंधित थानों के विभिन्न हिस्सों में 600 से अधिक स्थानों पर तलाशी के दौरान 370 लीटर देसी शराब और 50 लीटर कच्चा स्प्रिट बरामद किया. इस दौरान 1150 लीटर अर्धनिर्मित शराब को नष्ट किया गया.
सभी मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 4-4 लाख
पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों से मचे कोहराम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. उन्होंने घटना बेहद दुखद बताते हुए कहा कि हम लोगों ने निर्णय लिया है कि जितने भी मृतक हैं उनके परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. उन्होंने साफ किया कि ये राहत सिर्फ मोतिहारी ही नहीं, बल्कि इससे पहले जितने भी लोगों जहरीली शराब पीने से मौत हुई है, उन सभी के परिवारों दिया जाएगा.
लगाई ये शर्त
राहत के ऐलान के साथ ही मुख्यमंत्री ने कुछ शर्तें भी लगाई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों को चार लाख रुपये तो दिए जाएंगे, लेकिन उनके परिजनों को डीएम के यहां यह लिखित में देना होगा कि मरने वाले व्यक्ति ने शराब पी थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी. इसके साथ ही परिवार वालों को शराब कहां से ली थी, उसका नाम और पता भी देना होगा. साथ ही साथ यह भी लिखकर देना होगा कि बिहार सरकार की शराबबंदी की नीति बहुत अच्छी है. इसका हम सभी दिल से समर्थन करते हैं. इसके साथ ही यह भी शपथ लेनी होगी कि भविष्य में परिवार का कोई भी शख्स शराब नहीं पीएगा. ऐसा करने वालों को ही चार लाख रुपये की राहत दी जाएगी.
ये भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: बिहार में बदला जातीय गणना का प्रारूप, अब देश, राज्य और जिले का भी कोड किया गया तय