Action Plan For Operation Of Auto And E-Rickshaw: बिहार के शहरी क्षेत्रों में ऑटो और ई रिक्शा परिचालन के लिए परिवहन विभाग ने नई कार्य योजना बनाई है. ऑटो एवं ई-रिक्शा के रुटों को जोन में बांटकर कलर कोडिंग की जाएगी और हर ऑटो को एक- एक यूनिक नंबर मिलेगा. हर रुट पर ऑटो की संख्या निर्धारित की जाएगी. पटना एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में ऑटो/ई रिक्शा के परिचालन को विनियमित करने की कार्य योजना को कैबिनेट से स्वीकृति भी मिल गई है. योजना लागू करने के लिए आपत्ति एवं सुझाव भी मांगे गए हैं. आपति एवं सुझाव मिलने के 30 दिनों के बाद राज्य में लागू हो यह योजना लागू हो जाएगी. 


ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा का व्यवस्थित परिचालन


इस सिलसिले में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस नीति के लागू होने से राज्य के शहरों में ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा का व्यवस्थित परिचालन हो सकेगा. इसके साथ ही जाम की समस्या से भी लोगों को निजात मिलेगी. सड़को की वाहन वहन क्षमता के अनुसार ऑटो/ई रिक्शा का नंबर तय किया जाएगा एवं हर रुट पर एक संख्या निर्धारित होगी. 

सड़क सुरक्षा, बेहतर यात्री सुविधा और शहर को जाम मुक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न प्रमंडलों एवं जिला मुख्यालयों (यथा पटना एवं अन्य शहरी क्षेत्र) में ऑटो रिक्शा/ई रिक्शा के परिचालन को विनियमित करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है. परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि इस नई पहल का उद्देश्य न केवल शहरों को जाम मुक्त बनाना है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन सेवा प्रदान करना है। साथ ही वाहन चालकों को भी काफी मदद मिलेगी.


योजना लागू करने के लिए मांगे गये आपति/सुझाव


परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस कार्य योजना की स्वीकृति कैबिनेट से मिल गई है. योजना को लागू करने के लिए आपति एवं  सुझाव मांगे गये हैं. 30 दिनों तक परिवहन विभाग के वेबसाईट पर उपलब्ध रहेगा. इसके बाद प्राप्त आपत्ति/सुझाव के आलोक में निर्णय लिया जाएगा. ऑटो और ई रिक्शा रेगुलेशन योजना लागू होने से  ई रिक्शा चालकों को ई रिक्शा परिचालन के लिए एक वैधानिक अधिकार मिल जायेगा। ई रिक्शा का परमिट सिस्टम नहीं होने से आए दिन उन्हें परेशानियों  का सामना करना पड़ता है, ई रिक्शा चालकों को शहर में वाहन चलाने का लाईसेंस दिया जाएगा, उन्हें पहचान पत्र भी दिया जाएगा.


ऑटो और ई रिक्शा का परिचालन हो सकेगा व्यवस्थित


परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस नीति के लागू होने से राज्य के शहरों में ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा का व्यवस्थित परिचालन हो सकेगा. इसके साथ ही जाम की समस्या से भी निजात मिल सकेगी. इसके साथ ही प्रदूषण में कमी, यात्रियों की सुरक्षित यात्रा, सड़क दुर्घटनाओं में कमी एवं ऑटो रिक्शा/ई0-रिक्शा के पार्किंग स्थल एवं ठहराव स्थल का निर्धारण होने से यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध हो सकेगी.


एग्रीगेटर को भी लेना होगा लाईसेंस
 
बिहार टैक्सी एग्रीगेटर परिचालन निदेश, 2019 के अंतर्गत अधिकृत सेवा प्रदाताओं को भी ऑटो रिक्शा/ई0-रिक्शा के परिचालन के लिए उक्त योजना के अंतर्गत लाईसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा. QR code भी विकसित किया जाएगा. भविष्य में QR कोड भी विकसित करने पर परिवहन विभाग कार्य करेगा. ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा पर QR कोड अंकित किए जाने से QR कोड  को स्कैन करने पर ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा एवं चालक से संबंधित सभी जानकारियां ट्रैफिक, अन्य प्रवर्तन पदाधिकारियों एवं सवारियों को सुविधापूर्वक प्राप्त हो जाएंगी.


निर्धारित प्रत्येक जोन में रूटों की टैगिंग करते हुए आवश्यकतानुसार संबंधित निकायों के समन्वय से ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा. ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा को संबंधित जोन एवं रूट के साथ पुलिस थानों का टैगिंग  किया जाएगा. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रमंडलों के मुख्यालय वाले जिलों  में नोडल पदाधिकारी संबंधित प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त-सह-अध्यक्ष, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार होंगे. ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा वाहनों की संख्या, जोन, रूट के निर्धारण और इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिलों में कमेटी गठित की जाएगी. कमेटी के अध्यक्ष संबंधित जिले के जिला पदाधिकारी होंगे। 


ऑटो/ई रिक्शा रेगुलेशन के मुख्य फायदे 


इस एक्शन प्लान से ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा का व्यवस्थित ढंग से परिचालन हो सकेगा, ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के कारण होने वाले जाम की समस्या का भी निदान हो सकेगा, निर्धारित रुट पर निर्धारित ऑटो एवं ई रिक्शा के परिचालन से यात्रियों को सही समय पर सेवाएं मिलेगी एवं उनकी सुविधा सुधार हो सकेगा वाहनजनित प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा, क्षमता के अनुसार यात्रियों को बैठाने से यात्रियों की यात्रा सुरक्षित होगी एवं उनके जान-माल की रक्षा हो सकेगी. महिला यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकेंगी, संख्या निर्धारित रहने के कारण ऑटो/ई रिक्शा चालकों की आमदनी बढ़ेगी. 


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