बक्सर में अस्पताल बना 'मयखाना'! चल रही थी शराब पार्टी अचानक पुलिस ने डाल दी रेड
Buxar Private Hospital: बक्सर के एक निजी अस्पताल में शराब पार्टी करते हुए अस्पताल के स्टॉफ को पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. नगर थाना पुलिस ने उत्पाद अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई में जुटी है.
Two People Arrested With Alcohol In Buxar: बिहार में शराबबंदी कानून 2016 से लागू है, जहां शराबबंदी कानून लागू करने को लेकर सरकार के तमाम पुलिस तंत्र लगे हुए हैं. बावजूद इसके धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. ताजा मामला शहर के चरित्रवन स्थित एक अस्पताल का है, जहां शनिवार की रात अस्पताल में शराब पार्टी करते हुए अस्पताल के स्टॉफ को पुलिस ने शराब की चार बोतल के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. नगर थाना पुलिस ने उत्पाद अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई में जुटी है.
अस्पताल के अंदर चल रही थी शराब पार्टी
जानकारी के अनुसार शनिवार की देर रात पुलिस को गुप्त सूचना मिली की शहर के एक निजी अस्पताल के अंदर कुछ लोग शराब पार्टी कर रहे हैं. सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए नगर थाना प्रभारी संजय सिन्हा ने एक टीम बनाकर अस्पताल में छापेमारी की, जहां दो लोग शराब का सेवन करते हुए पाए गए. साथ ही मौके से पुलिस ने शराब की चार फुल बोतल को भी बरामद किया है.
पकड़े गए दोनों व्यक्तियों का मेडिकल चेकअप कराने पर दोनों व्यक्तियों के नशे में होने की पुष्टि हुई है. दोनों व्यक्तियों की पहचान मनोज कुमार (55) वर्ष पिता स्व.अजय कुमार सिंह, महाराजा हाता, आरा और उपेन्द्र यादव पिता कन्हैया सिंह ,निवासी सिकरौल के रूप में हुई है. वहीं अस्पताल के डॉक्टर सुनील कुमार पिता भुवनेश्वर प्रसाद सिंह निवासी चरित्रवन के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस छापेमारी कर रही है.
नगर थाना प्रभारी का क्या है कहना?
इस घटना के बारे में नगर थाना प्रभारी संजय सिन्हा ने बताया कि शहर के एक निजी अस्पताल में शराब पार्टी की सूचना मिली थी. जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नशे की हालत में शराब के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अस्पताल का कमरा भी सील कर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
बता दें कि हाल ही में कोलकाता में डॉक्टर महिला के साथ आरोपी ने अस्पताल परिसर में ही शराब का सेवन करके एक बड़ी और घिनौने अपराध को अंजाम दिया था, ऐसे में बक्सर के अस्पताल में रात के समय इस तरह के काम से कोई बड़ी घटना हो सकती है. लोगों को इस बात का अब डर रहता है कि शराब का सेवन करने के बाद कोलकाता जैसी घटना किसी के साथ ना हो जाए. ऐसे में इस तरह के संस्थानों पर प्रबंधन और प्रशासन को निगरानी रखनी जरूरी है.
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