Wild Buffalo Attack In Supaul: बिहार के सुपौल में जंगली भैंस ने 2 अक्टूबर को आतंक मचाया. भैंस के हमले में दो लोगों की मौत हो गई. इसके बाद प्रशासन ने उसे पकड़ने की कोशिश शुरू की. लेकिन कोशिश नाकाम रही तो भैंस को मारने के लिए 26 राउंड फायरिंग की गई, प्रशाशन ने गोली चलने की बात स्वीकार की है, लेकिन किसने चलाई उसका खुलासा नहीं हुआ है, वहीं मंत्री नीरज सिंह बबलू ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया.

  


भगवानपुर पंचायत में जंगली भैंस का कहर 


दरअसल सुपौल जिले के बसंतपुर प्रखंड के भगवानपुर पंचायत में बुधवार की सुबह एक जंगली भैंस का कहर पूरे गांव पर टूट पड़ा. कोसी नदी में बाढ़ के कारण यह भैंस नेपाल से बहकर आया था और इसने गांव में प्रवेश कर दो लोगों की जान ले ली. मृतकों की पहचान 50 वर्षीय भुवनेश्वर मंडल और 25 वर्षीय मुकेश कुमार के रूप में की गई. यह घटना तब और गंभीर हो गई जब भैंस ने वन विभाग के फॉरेस्टर उपेंद्र मेहता और रेंजर अजय कुमार ठाकुर को भी घायल कर दिया. दोनों अधिकारी गंभीर रूप से घायल हुए और उनका इलाज चल रहा है.


स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद गहरा आक्रोश देखा गया. गुस्साए ग्रामीणों ने एनएच 106 को जाम कर दिया और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की गई. प्रदर्शन शाम 6 बजे तक चला और प्रशासन के आश्वासन के बाद ही यह समाप्त हुआ. घटना के करीब छह घंटे बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची. टीम ने भैंस को काबू में करने के लिए चॉकलेट बम और ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया, लेकिन इन सभी प्रयासों के बावजूद भैंस को पकड़ने में नाकाम रही. भैंस ने फिर गांव की ओर दौड़ लगाई, जिससे और अधिक अफरा-तफरी मच गई.


मंत्री नीरज कुमार ने की परिजनों से मुलाकात


इस दौरान भैंस ने प्रशासनिक अधिकारियों को घायल भी कर दिया. शाम करीब 6:30 बजे प्रशासन ने भैंस को गोली मारकर खत्म कर दिया. इसके लिए 26 राउंड गोली चलाई गई, हालांकि अधिकारियों ने गोली किसने चलाई, इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया. घटना की गंभीरता को देखते हुए बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू भी घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. घटनास्थल पर तीन थानों की पुलिस भी तैनात रही और स्थिति पर नजर बनाए हुए थी.


ये भी पढ़ेंः Navratri 2024: अराधना हो तो ऐसी! नवरात्र में 9 दिनों तक चौबीसो घंटे सीने पर कलश रखेंगे नागेश्वर बाबा, 32 साल की उम्र में किया था पहली बार