बिहार: पूर्णिया में गैंगवार में दो की हत्या, पहले भी कई लोगों की जा चुकी है जान
अरुण यादव की हत्या के बाद प्रतिशोध की लड़ाई शुरू हो गयी. इसके बाद बुच्चन यादव गुट के लोगों ने शिशवा गांव आए बुच्चन यादव के चचेरे भाई के बेटे रुकसी कुमार को घेरकर गोली मार दी.
पूर्णिया: बिहार का पूर्णिया जिले के बरहारा कोठी थाना क्षेत्र के मोजमपट्टी में बुधवार को गैंगवार में दो लोगों की हत्या कर दी गई. उक्त गांव निवासी बुच्चन यादव और बालो यादव गुट में खुनी झड़प आम बात हो गयी है. इन दोनों गुटों के बीच हुए हिंसक झड़प में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इसी क्रम में बुधवार को भी प्रतिशोध की लड़ाई में घंटे भर के अन्दर दोनों गुटों के एक-एक व्यक्ति की हत्या हो गयी.
बीच सड़क पर किया गोलियों से छलनी
मिली जानकारी अनुसार मोजमपट्टी में बुधवार को बालो यादव का समर्थक माना जाने वाला अरुण यादव रोजाना की तरह गांव की ही महिलाओं को लेकर बिहारीगंज बाजार जा रहा था. लेकिन गांव से बाहर निकलते ही मुख्य सड़क राजघाट के पास छह अपराधियों ने अरुण यादव को घेर लिया. वहीं, सभी महिलाओं को उतारकर अरुण पर अंधाधुन फायरिंग कर दी.
इस घटना के बाद आननफानन उसे पूर्णिया सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. बता दें कि अरुण के शरीर पर 4 गोलियां नजदीक से दागी गयी हैं. .
प्रतिशोध के लिए की एक और की हत्या
इधर, अरुण यादव की हत्या के बाद प्रतिशोध की लड़ाई शुरू हो गयी. इसके बाद बुच्चन यादव गुट के लोगों ने शिशवा गांव आए बुच्चन यादव के चचेरे भाई के बेटे रुकसी कुमार को घेरकर गोली मार दी.
दो थाने की पुलिस कर रही है कैंप
इधर, घटना की सूचना पाकर बरहारा कोठी थानाध्यक्ष सुनील कुमार और रघुवंश नगर ओपी अध्यक्ष महादेव कामती दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए. फिलहाल बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर कैम्प कर रही है. पुलिस हर एक गतिविधि पर नजर रख रही है.
पुरानी है दोनों गिरोह की लड़ाई
बता दें कि पूर्णिया के बरहारा कोठी अंतर्गत आने वाले मोजमपट्टी में यह खूनी खेल लम्बे समय से चला आ रहा है. बीते वर्ष सरस्वती पूजा में एक बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें अरुण यादव की पत्नी की हत्या भी इसी दोनों गिरोह के गैंगवार में हुई थी. उस हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त बुच्चन यादव का बेटा साहिल सौरभ था, जिसे एसटीएफ ने पटना से गिरफ्तार किया था.
इस कांड में खुद बुच्चन यादव का भी पैर बम से उड़ गया था, जिसके बाद बंगाल से गिरफ्तार कर उसे भागलपुर जेल भेजा गया था, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
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