Motihari Bridge Collapsed: पूर्वी चम्पारण जिले के घोड़ासहन प्रखंड अंतर्गत निर्माणाधीन पुल रविवार (23 जून) को भरभराकर गिर गया. ध्वस्त पुल करीब एक करोड़ की लागत से बनने की बात बताई जा रही है. पुल की ढलाई के तुरंत बाद ही ये गिर गया. ये पुल घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क पर बन रहा था. पुल की लंबाई लगभग 75 फीट है. निर्माणाधीन पुल गिरने के बाद जिला प्रसाशन में हड़कंप मचा हुआ है.


एक करोड़ 60 लाख की लागत से हो रहा था निर्माण


पुल निमार्ण स्थल पर सुबह से अभी तक कोई प्रसाशन नहीं पहुंचा है. यहां बताते चलें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ढाका (मोतिहारी) के द्वारा पुल निर्माण का टेंडर धीरेन्द्र कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था, जिस पुल की लंबाई करीब 72 फीट और चौड़ाई 42 मीटर में निर्माण करना था. जिले के घोड़ासहन से कुण्डवाचैनपुर रोड निर्माण में लौखान पीडब्लूडी के नाम से जाने जाना वाला रोड में करीब एक करोड़ 60 लाख की लागत से निर्माण किया जा रहा था.






प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पुल का निर्माण ढाका विधानसभा क्षेत्र में चल रहा था, जहां के बीजेपी विधायक पवन जायसवाल हैं. पवन जायसवाल ढाका से दूसरी बार चुनाव जीत दर्ज किए है. वहीं ढाका विधानसभा शिवहर लोकसभा क्षेत्र का एक विधानसभा है जहां से हाल ही में जदयू कोटे से सांसद लवली आनंद जीत दर्ज की है. ढाका विधानसभा क्षेत्र के भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग के जिम्मे कुण्डवा चैनपुर रोड में पुल निर्माण हो रहा था.


रात में हुई ढलाई सुबह भरभराकर गिरा पुल


आश्चर्य की बात है जिस पुल की ढलाई रात में हुई वो सुबह भरभराकर गिर गया, जिसके बाद लोगों में ये चर्चा का विषय बना हुआ है. वही ग्रामीण कार्य विभाग एवं संवेदक पुल निर्माण स्थल से फरार बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणधीन पुल गिरने के मामले में स्थानीय अमवा गांव निवासी रोबिन कुमार समेत दर्जनों लोगों ने ग्रामीण कार्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस निर्माणधीन पुल ने रिश्वत की मार झेली है.


लोगों ने कहा कि निर्माणाधीन पुल को देखने न तो ठेकेदार आते हैं ना ही ग्रामीण कार्य विभाग के कोई इंजीनियर ऐसे में कोई भी सरिया मानक के अनुरूप नहीं लगाया गया है, साथ ही घटिया सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है, जो सीमेंट मिट्टी की तरह प्रतीत हो रहा है. ऐसे में यदि पुल आज नहीं गिरता तो आवागमन चालू होने के बाद भारी वाहन के दबाब में गिरता ही और बड़ा खतरा हो सकता था.


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